11 Aug 2025
सऊदी अरब या खाड़ी देशों में लोग एक दूसरे से मिलते वक्त नाक रगड़ते हैं. अरबपति खरबपति शेख भी आपस में नाक टकराते हैं.
Photo: AI Generated
खाड़ी अरब संस्कृतियों में, नाक रगड़ना (जिसे "ख़श्म-मख" या "नाक चूमना" भी कहा जाता है) किसी का अभिवादन करने का एक पारंपरिक तरीका है, जो सम्मान, मित्रता और प्यार और स्नेह को दर्शाता है.
Photo: AI Generated
नाक रगड़ने की परंपरा खाड़ी देशों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही है.
Photo: AI Generated
इस हावभाव में नाक को हल्के से छुआ जाता है या छूकर हल्का रगड़ा जाता है. इसमें कभी-कभी छाती पर हाथ भी रखा जाता है.
Photo: AI Generated
नाक रगड़ने की पुरानी परंपरा अरबों की कोई खोज नहीं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में रहने वाले मूल निवासियों की परंपरा है.
Photo: AI Generated
इनुइट और स्कैंडिनेवियाई लोग भी ऐसा करते हैं. इसमें रगड़ने से लेकर चुंबन तक कई तरह की क्रियाएँ होती हैं, लेकिन इन सभी में नाक को छूना ज़रूरी होता है.
Photo: AI Generated
लोग अक्सर अपने चेहरे में सबसे ज्यादा आकर्षक हिस्सा नाक मानते हैं, इसलिए नाक का खास महत्व है.
Photo: AI Generated
अल्लाह की इबादत करते समय मुसलमान माथा और नाक ज़मीन से लगाकर सज्दा करते हैं, जो आदर का संकेत है.
Photo: AI Generated
अमीराती (UAE के लोग) और आसपास के क्षेत्रों के लोग एक-दूसरे का अभिवादन भी नाक मिलाकर करते हैं. यह परंपरा सिर्फ पुरुषों में ही नहीं, बल्कि महिलाओं में भी होती है.
Photo: AI Generated