23 Sep 2024
शराब पीने के बाद अधिकतर लोग नशे में अंग्रेजी बोलने लगते हैं. कई बॉलीवुड फिल्मों में भी ऐसे दृश्यों को दिखाया गया है.
होश में भले ही इंसान अंग्रेजी में बात ना करें लेकिन भारत में अक्सर देखा गया है कि नशा होते ही लोगों के मुंह से अंग्रेजी निकलने लगती है.
लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर ऐसा होता क्यों हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण क्या है.
साइंस मैगजीन 'जर्नल ऑफ साइकोफार्माकोलॉजी' ने इस पर रिसर्च करके इसका कारण बताया है. कई शराबियों की मानसिक स्थिति की जांच के बाद यह खास वजह सामने आई है.
रिसर्च में यह भी पाया गया है कि शराब सोशल एंग्जाइटी और बेचैनी को कम करती है. यही कारण है कि जब हम बिना चिंता के लोगों से बात करते हैं, तो हमारी दूसरी भाषा बोलने की क्षमता बेहतर हो जाती है.
जब नशा उतरता है, तो हमें लगता है कि हमारी दूसरी भाषा में सुधार हुआ है और हम उसमें आसानी से बात कर सकते हैं.
और कई बार लोग अंग्रेजी के ऐसे शब्दों का भी इस्तेमाल करने लगते हैं जो वास्तव में अंग्रेजी के नहीं हो.
शराब पीने के बाद किसी भी इंसान को वो करने का कॉन्फिडेंस आ सकता है, जिसे वह होश में करने से कतराता हो.
रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि ज्यादा शराब पीने का उल्टा असर हो सकता है. शराब पीने से जुबान लड़खड़ाने लगती है, फर्राटेदार बोलना मुश्किल हो जाता है और आत्मविश्वास भी घट जाता है.
इसके अलावा, ज्यादा शराब पीने से आपकी परफॉर्मेंस पर भी बुरा असर पड़ता है.
एल्कोहल यूज डिसऑर्डर (AUD) से पीड़ित लोगों के ब्रेन के कॉर्टेक्स के क्षेत्र पतले हो जाते हैं.
यह ब्रेन की झुर्रीदार बाहरी परत है जो कई महत्वपूर्ण कार्यों, जैसे याद रखने, क्रिएटिविटी और निर्णय लेने की क्षमताओं को प्रभावित करती है.
Credit: AI Generated Images