09 Mar 2025
Credit: Meta
क्या आपने कभी सोचा है कि बीयर की बोतल हमेशा हरे और भूरे रंग की बोतल में क्यों आती है?
ये जान लें कि सबसे पहले मिस्र की मैन्युफैक्चरिंग मिस्र में हुई थी.
इस दौरान देखा गया कि ट्रांसपेरेंट बोतल पर सनलाइट पड़ने से बीयर को नुकसान पहुंचता है.
अगर कांच की ट्रांसपेरेंट बोतल में बीयर रखेंगे तो वे सूरज के संपर्क में आने से रिएक्ट कर जाएगी.
सूरज की किरणों (UV Rays) के संपर्क में आने पर बीयर का टेस्ट चेंज हो गया और उसमें से बदबू भी आने लगी.
इसके बाद बियर बनाने वाली कंपनियों ने बीयर की बोतलों पर भूरे और हरे रंग की परत चढ़ा कर कई एक्सपेरिमेंट किए.
भूरे और हरे रंग की परत चढ़ी बोतल की बीयर खराब नहीं हुई, क्योंकि इन पर सूरज की किरणों को कोई असर नहीं हुआ.
इसके बाद से बीयर रखने के लिए हरे और भूरे रंग की बोतल का इस्तेमाल होने लगा.