अक्सर बच्चे का स्कूल शुरू कराने से पहले पेरेंट्स बोर्ड के चुनाव को लेकर सोचते हैं कि उनके बच्चे के लिए कौन सा बोर्ड ज्यादा सही है. आइए इनके बीच का अंतर यहां समझते हैं.
CBSE केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड है, जो केंद्र सरकार के अधीन है और ICSE इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन होता है. इसके अलावा यूपी, एमपी और हरियाणा समेत ज्यादातर राज्यों के अपने शिक्षा बोर्ड हैं.
CBSE की बात करें तो इसको केन्द्रीकृत (सेंट्रलाइज्ड ) पाठ्यक्रम के लिए जबकि ICSE को टॉपिक्स को गहराई से पढ़ाने के लिए जाना जाता है. वहीं स्टेट बोर्ड में राज्यों के हिसाब से सिलेबस तैयार किया जाता है.
CBSE का एग्जाम पैटर्न मानकीकृत होता है. वहीं ICSE की परीक्षा का पैटर्न इंटरनल असेसमेंट को ज्यादा महत्व देता है, जबकि स्टेट बोर्ड का एग्जाम पैटर्न इवेल्युएशन आधारित होता है.
ICSE इंग्लिश को ज्यादा महत्व देता है जबकि CBSE सभी भाषाओं को बैलेंस करके चलता है. वहीं स्टेट बोर्ड क्षेत्रीय भाषा पर ज्यादा जोर डालता है.
CBSE ग्रेडिंग के लिए CGPA सिस्टम फॉलो करता है. वहीं ICSE में पर्सेंटेज आधारित ग्रेडिंग होती है, जबकि स्टेट बोर्ड में कईं तरह के ग्रेडिंग सिस्टम होते हैं.
CBSE में लिमिटेड सब्जेक्ट ऑप्शन होते हैं जबकि ICSE में बहुत सारे विकल्प हैं. वहीं स्टेट बोर्ड में भी काफी ऑप्शन्स होते हैं.
CBSE एप्लिकेशन आधारित लर्निंग पर फोकस करता है जबकि ICSE में अंडरस्टेंडिंग पर जोर दिया जाता है. वहीं स्टेट बोर्ड में लर्निंग के कईं प्रकार हैं.
CBSE केंद्रीय मान्यता प्राप्त बोर्ड है जबकि ICSE इंटरनेशनल संबंद्ध रखता है. वहीं स्टेट बोर्ड को राज्यों के द्वारा मान्यता दी जाती है.
CBSE राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है जबकि ICSE ग्लोबल स्टेंडर्ड पर जोर देता है. वहीं स्टेट बोर्ड क्षेत्रीय चीजों को महत्व देते हैं.