08 Aug 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. इससे भारत पर कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया है.
Photo: AP
अब भारत के उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे. ज्यादा कीमत की वजह से अमेरिका में भारतीय सामान की डिमांड और स्पलाई भी घट सकती है.
Photo: AP
इस बीच आइए जानते हैं कि ये टैरिफ होता क्या है.
Photo: AP
सबसे पहले तो यह समझिए कि कई देश एक दूसरे के साथ सामान आयात और निर्यात करते हैं.
Photo: AI Generated
"टैरिफ" (Tariff) का मतलब होता है वो शुल्क जो किसी देश की सरकार विदेश से आयात किए गए सामान पर लगाती है.
Photo: AI Generated
जब एक देश, दूसरे देश से कोई चीज़ खरीदता है (जैसे तेल, मशीन, या मोबाइल), तो सरकार उस पर एक तय प्रतिशत टैक्स लगाती है.
Photo: AI Generated
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि देश की अपनी कंपनियों को नुकसान न हो, सरकार को राजस्व मिले और विदेशी माल पर निर्भरता न बढ़े.
Photo: PTI
अगर किसी सामान की कीमत ₹100 है और उस पर 50% टैरिफ लगाया जाता है, तो कुल कीमत 150 हुई.
Photo: AI Generated
टैरिफ के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं. विदेश से आने वाले सामान पर इम्पोर्ट टैरिफ देना होता है.
Photo: AI Generated
विदेश से सामान मंगवाने वाली कंपनी या व्यक्ति को Import Tarrif देना होता है.
Photo: AI Generated
कभी-कभी सरकार निर्यात पर भी शुल्क लगाती है जैसे खाद्यान्न या खनिज पदार्थों पर. भारत से सामान भेजने वाला निर्यातक (Exporter) को Export Tarrif देना होता है.
Photo: Pixabay
Protective Tarrif विदेशी उत्पाद को खरीदने वाला आयातक (Importer) देता है, लेकिन असर देश के उपभोक्ताओं पर पड़ता है. क्योंकि उनके लिए चीजें महंगी हो जाती हैं.
Photo: Pixabay
Protective Tarrif घरेलू वस्तुओं की तुलना में आयातित वस्तुओं की कीमत बढ़ा देता है, जिससे उपभोक्ता स्थानीय उत्पादकों से खरीदने के लिए प्रोत्साहित होते हैं.
Photo: Pixabay
सरकार अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए Revenue टैरिफ लगाती है. यह तब लगाया जाता है जब किसी चीज़ की डिमांड बनी रहेगी, भले ही वह थोड़ा महंगा हो जाए.
Photo: Pixabay