देश के दक्षिणी हिस्सों में तूफान आते रहते हैं. इस साल मोचा, बिपरजॉय, तेज, हमून और मिछली के बाद अब बंगाल की खाड़ी में मिचौंग कहर बरपा रहा है.
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इसका सबसे ज्यादा असर भारत के दो राज्य तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश पर देखा जा रहा है, ये दोनों राज्य अलर्ट पर हैं.
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मौसम विभाग की मानें तो साइक्लोन मिचौंग चेन्नई को छोड़ते हुए मंगलवार दोपहर को नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच लैंडफॉल करेगा.
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इस वक्त हवा की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा रह सकती है. लेकिन ये चक्रवात क्या होते हैं और बार-बार क्यों आते रहते हैं? आइए जानते हैं.
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साइक्लोन समुद्र के गर्म होने से बने दबाव के कारण आते हैं. गर्म इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायु दबाव का क्षेत्र बनाती है. हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से मिलकर संघनन बादल बनाती है.
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इस वजह से बनी खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है और जब ये किसी ठंडी सतह से टकराते हैं तो खतरनाक तूफान में बदल जाते हैं.
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जब हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तो घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश होने लगती है. तेज घूमती इन हवा के क्षेत्र का व्यास हजारों किलो मीटर के बराबर तक होता है.
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साइक्लोन मिचौंग का नाम म्यांमार ने दिया है. इसका मतलब ताकत और लचीलापन होता है. तूफान 'मिचौंग' साल 2023 में बंगाल की खाड़ी का चौथा तूफान है.
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चक्रवात का नाम रखने के पीछे एक खास प्रक्रिया होती है. सभी चक्रवातों का नाम विश्व मौसम विभाग के तहत आने वाले दुनियाभर में फैले वॉर्निंग सेंटर की तरफ से किया जाता है.
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इस पैनल में 13 देश हैं, जिनमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन शामिल हैं.
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इस लिस्ट के मुताबिक अब अगले तूफान का नाम पाकिस्तान की ओर से रखा जाएगा. साइक्लोन के नाम इनका रिकॉर्ड रखने के लिए रखे जाते हैं.
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