By Aajtak.in
कार, फोन, स्कूटी से लेकर कई आइटम पर कंपनी द्वारा गारंटी (guarantee) और वारंटी (warranty) दोनों ही दी जाती हैं.
कई लोग गारंटी और वारंटी में कन्फयूज़ हो जाते हैं. असल में दोनों में जमीन आसमान का अंतर है. अगर आप किसी प्रोडक्ट को खरीदने जा रहे हैं तो दोनों में अंतर जानना आपके लिए जरूरी है.
अगर आपको किसी प्रोडक्ट की वारंटी दी जा रही है तो मतलब कंपनी का कहना है कि प्रोडेक्ट से जुड़ी दी गई सभी जानकारी सही और सटीक हैं.
गारंटी निर्माता द्वारा खरीददार को दिया गया एक वादा है. अगर प्रोडक्ट को कोई भी नुकसान होता है तो कंपनी द्वारा उसे ठीक किया जाएगा.
अगर आपका फोन वारंटी में है और यह खराब हो जाता है तो कंपनी आपको फोन रिप्लेस करके देगी.
वहीं, अगर आपका फोन गारंटी में है तो कंपनी फोने को रिप्लेस करने के अलावा रिफंड भी दे सकती है. लेकिन वारंटी में आपको सिर्फ रिप्लेस का ऑप्शन मिलता है.
वारंटी सिर्फ किसी प्रोडक्ट पर दी जा सकती है. वहीं, गारंटी प्रोडक्ट, सर्विस और किसी व्यक्ति की भी हो सकती है.
वारंटी हमेशा लिखित में दी जाती है. वहीं, गारंटी लिखित के साथ-साथ ओरल भी हो सकती है.
गारंटी के लिए जरूरी नहीं है कि आपको कोई सामान बेचा जाए. वहीं, वारंटी आपको किसी प्रोडक्ट के खरीदने पर ही मिलती है.
प्रोडक्ट की गारंटी हमेशा फ्री होती है लेकिन वारंटी के लिए कई कंपनी कस्टमर से चार्ज करती हैं.