विकास दिव्यकीर्ति की UPSC में कौन-सी रैंक आई थी? इतने अटेंप्ट में क्लियर कर पाए थे एग्जाम

22 Aug 2024

UPSC कैंडिडेट्स के बीच डॉ. विकास दिव्यकीर्ति जाना पहचाना नाम है. विकास दिव्यकीर्ति यूपीएससी की कोचिंग चलाते हैं और कैंडिडेट्स के लिए एक सलाहकार भी हैं.

विकास दिव्यकीर्ति ने लल्लनटॉप को दिए हुए इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कैसे शुरू की थी और उनकी रैंक क्या थी.

विकास दिव्यकीर्ति ने बताया था कि ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने अपने भाई के साथ प्रिंटिंग का बिजनेस शुरू किया था. इसके बाद वह दिल्ली के पांडव नगर आ गए.

दिल्ली के पांडव नगर में उन्होंने एक कमरा लिया, जहां उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. इसके बाद उन्होंने MA में हिस्ट्री छोड़कर हिंदी साहित्य सब्जेक्ट लिया, लेकिन DU में एडमिशन नहीं हो पाया.

इसके बाद विकास दिव्यकीर्ति ने ज़ाकिर हुसैन इवनिंग कॉलेज में एडमिशन लिया.

साल 1996 में दिव्यकीर्ति ने सोचा कि यूपीएससी की तैयारी दोबारा करनी चाहिए.

4 जून 1998 को जारी हुए यूपीएससी रिजल्ट में विकास दिव्यकीर्ति की 384 रैंक आई थी. इसमें उन्हें सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस ऑफर की गई.

विकास दिव्यकीर्ति ने सर्विस जॉइन करने के बजाय दोबारा यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया. लेकिन इस बार उन्होंने अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट हिस्ट्री से बदलकर सोशियोलॉजी (Sociology) कर लिया.

हालांकि, वह अपने दूसरे अटेंप्ट में मेंस परीक्षा क्लियर नहीं कर पाए और तीसरे अटेंप्ट में वह इंटरव्यू राउंड तक तो पहुंचे लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया.

इसके बाद जून 1999 में उन्होंने सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस जॉइन कर ली. यहां उन्हें राजभाषा विभाग में डेस्ट जॉब ऑफर की गई.

यहां उन्होंने तीन चार महीने ही काम किया और फिर अपने पद से इस्तीफा दे दिया. नौकरी छोड़ने के बाद विकास सर ने स्टूडेंट्स को कोचिंग देना शुरू कर दिया.

इसके चार साल बाद विकास दिव्यकीर्ति ने 2003 में अपना आखिरी अटेंप्ट दिया, लेकिन इस बार भी उनका फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ.