By: Aajtak Education
कानपुर की कृतिका मिश्रा ने हिंदी मीडिया से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में टॉप किया. उनका यह दूसरा अटेंप्ट था जिसमें उन्हें 66वीं रैंक मिली है. जानिए हिंदी मीडियम में UPSC टॉपर कृतिका की जर्नी.
कानपुर की रहने वाली कृतिका मिश्रा बचपन से ही मेधावी छात्रा रही हैं. उनके पिता दिवाकर मिश्रा एक इंटर कॉलेज में पढ़ाते हैं और मां LIC में कार्यरत हैं.
कृतिका ने हग्यूमैनिटीज में ग्रेजुएशन और हिंदी विषय में पोस्टग्रेजुएशन किया. फिलहाल वे कानपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं.
कृतिका मिश्रा ने 'द लल्लनटॉप' को दिए एक इंटरव्यू में यूपीएससी की जर्नी पर चर्चा की और अभ्यर्थियों के लिए कई जरूरी बातें बताई.
हिंदी मीडियम में यूपीएससी टॉपर ने बगैर कोचिंग यह सफलता हासिल की है. सेल्फ स्टडी, यूट्यूब और किताबों से ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और कामयाबी हासिल की है.
उन्होंने कहा कि कठिनाई बहुत है, किसी भारतीय भाषा माध्यम में सबसे बड़ी समस्या स्टडी मैटेरियल की है. अंग्रेजी के मैटेरियल को अनुवाद करके हिंदी में करना होगा. ऐसे में परीक्षा के दौरान इंग्लिश टर्म याद आते हैं. दोनों अटेंप्ट में देवनागरी में भी लिखा है.
हिंदी मीडियम में UPSC एग्जाम देना कठिन है?
मनोवृत्ति, उनका कहना है कि हिंदी भाषा के बच्चे मन में अंग्रेजी का डर बैठा लेते हैं. उन्हें इस तरह की मनोवृत्ति से बचना होगा. कॉन्फिडेंस के साथ अपनी बात रखनी आनी चाहिए.
हिंदी मीडियम में अभ्यर्थी को क्या ध्यान रखें?
ऐसा नहीं है, जीडीपी को अगर सकल घरेलू उत्पाद लिखेंगे तो ज्यादा समय लगेगा. इसलिए कोशिश यह करनी चाहिए कि समय सीमा के अंदर अपना बेस्ट दें, रोमन भी इस्तेमाल कर सकते हैं. कोशिश कीजिए आपका मैटेरियल अच्छा हो.
क्लिष्ट हिंदी ही लिखना ही जरूरी है?
पूरा सिलेबस देखें और हर प्वाइंट को कवर करने की कोशिश करें. ट्रैप क्वेश्चन को छोड़ना आना चाहिए. नेगेटिव मार्किंग से बचें. पिछले 10 वर्षों के क्वेश्चन पेपर की प्रैक्टिस करें. (फोटो सोर्स- इंस्टाग्राम)
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