सरकारी बजट, एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज होता है, जिसमें प्रत्येक मंत्रालय को आगामी वर्ष के लिए अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक निश्चित राशि दी जाती है.
बजट को तीन कैटेगरी में बांट सकते हैं- संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटे का बजट. आपको बजट से जुड़ी कुछ जानकारियों का पता होना चाहिए. आइए जानते हैं.
भारत सरकार 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करती है. आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) इससे एक दिन पहले 31 जनवरी को जारी किया जाता है.
अवधि मौजूदा वर्ष के 1 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक होती है. सरकार की ओर से पेश वित्तीय ब्योरे में किसी खास वित्त वर्ष में उसके अनुमानित प्राप्तियों और खर्चों को दिखाया जाता है.
संतुलित बजट में अनुमानित व्यय और अपेक्षित आय बराबर होना चाहिए. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह फिजूलखर्ची पर रोक लगाता है.
जब वर्ष के लिए प्रत्याशित राजस्व प्रत्याशित व्यय से अधिक हो जाता है उस बजट को अधिशेष बजट कहा जाता है. अधिशेष बजट सरकार की वित्तीय स्थिरता को प्रदर्शित करता है.
जब किसी विशेष वित्तीय वर्ष में अनुमानित राजस्व की तुलना में अनुमानित व्यय अधिक होता है. इस तरह के बजट का मतलब यह है कि सरकार का राजस्व उसके खर्च से कम है.
मोदी सरकार साल 2014 से अब तक कुल 9 बजट पेश कर चुकी है और इस साल 10वां बजट पेश करने जा रही है. बजट से जुड़ी डिटेल्स जानने के लिए नीचे क्लिक करें.