21 Aug 2025
Photo: AI Generated
चिपकाने वाले ट्रांसपेरेंट टेप को Cello Tape कहा जाता है.
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क्या आपने कभी सोचा है कि टेप के आगे सेलो क्यों लगा दिया जाता है? आइए आपको बताते हैं.
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दरअसल इस "सेलो टेप" शब्द "सेलोफेन" से लिया गया है, जो पारदर्शी चिपकने वाले टेपों में इस्तेमाल होने वाला मूल पदार्थ है.
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हालांकि, पुराने समय में सेलो टेप पॉलीप्रोपाइलीन जैसी अन्य सामग्रियों से भी बनाए जा सकते हैं, लेकिन यह नाम ट्रांसपेरेंट चिपकने वाले टेपों के लिए एक सामान्य शब्द के रूप में प्रचलित हो गया है.
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इसके अलावा SelloTape नाम की एक कंपनी भी है, जो ट्रांसपेरेंट टेप आदि सालों से बनाती आ रही है.
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इस कंपनी के मालिक कॉलिन किनिनमॉन्थ और जॉर्ज ग्रे ने सबसे मोटे और चिपचिपे टेप का आविष्कार 1937 में किया था.
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इनकी कंपनी का नाम था Sellotape. 1940 के दौरान युद्ध में गोली बारूद चिपकाने आदि के काम आता था.
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और अब इस टेप का इस्तेमाल हर घर में होता है. यह इतना मशहूर हुआ कि लोग इस टेप को सेलो टेप नाम से ही जानने लगे.
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