25 Jul 2024
आपने देखा होगा कि कुछ फलों पर छोटे-छोटे स्टिकर लगे होते हैं. बताया जाता है कि इनमें हर स्टिकर का अलग मतलब होता है, जो इसकी क्वालिटी बताते हैं.
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आप भी फल खरीदने जाएं तो इससे पहले जान लें कि आखिर इन फलों के स्टिकर की क्या कहानी है? किस स्टिकर का क्या मतलब होता है?
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बता दें कि फलों पर लगे इन स्टिकर को पीएलयू कोड कहा जाता है, जिसका मतलब है प्राइस लुक अप कोड. इसमें कुछ नंबर और बारकोड लिखे होते हैं.
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अगर ये नंबर 5 डिजिट में है और 9 नंबर से कोड शुरू है तो ये ऑर्गेनिक है. 5 डिजिट का कोड है और 8 से शुरू है तो उन्हें पकाने के लिए मॉडिफाई किया गया है.
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अगर कोड चार अंकों में है तो उसमें कीटनाशक का इस्तेमाल किया गया है. इसी वजह से आजकल सोशल मीडिया पर चार अंक के कोड वाले फलों को खरीदने से मना किया जा रहा है.
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बता दें कि ये कोड इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर प्रोड्यूस स्टैंडर्ड के हिसाब से है, लेकिन भारत में इसका इस्तेमाल ना के बराबर होता है. ये दूसरे देशों में इस्तेमाल किया जाता है.
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वहीं भारत की बात करें तो FSSAI के अनुसार, यहां फल वाले OK Tested छपे हुए आदि स्टिकर लगाते हैं, जिसे लेकर कोई नियम नहीं है. कई लोग Best Quality के स्टिकर लगाते हैं.
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ये सिर्फ फलों को प्राइम दिखाने के लिए किया जाता है. दूसरे देशों में भी इसे लेकर कोई खास नियम आदि नहीं है, ये सिर्फ वॉलियंटरी है.
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