25 May 2024
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खुश रहना एक विकल्प है, ये मन की एक स्थिति है जो हमारे नियंत्रण में है, लेकिन नकारात्मकता से भरी दुनिया में इसे पाना इतना आसान भी नहीं.
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हम आपको कुछ सरल तरीके बताएंगे, जिससे आप अपने आपको नकारात्मकता से बचा सकें और खुश रह सकें.
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माइंडफुलनेस पूरी तरह से मौजूद रहने, इस बात से अवगत रहने की बुनियादी मानवीय क्षमता है कि हम कहां हैं और क्या कर रहे हैं. आस-पास जो हो रहा है उससे ज्यादा प्रभावित नहीं होना चाहिए.
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कृतज्ञता हमारा ध्यान हमारे जीवन में क्या गलत है से हटाकर क्या सही है की ओर ले जाती है, जिससे हम नकारात्मकता को पीछे कर सकारात्मकता को आमंत्रित करते हैं.
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जब हम यह पहचान लेते हैं कि दुख जीवन का एक हिस्सा है, तो हम इसका विरोध करना बंद कर देते हैं और हम इसे सार्वभौमिक सत्य के रूप में देखना शुरू करते हैं.
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जीवन में आगे बढ़ना कठिन हो सकता है और अपना स्वयं का सबसे कठिन आलोचक बनना बहुत आसान है. हर गलती और दोष पर खुद को कोसने के बजाय अपने ऊपर रहम करें और आगे का सोचें.
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अहंकार हमें नकारात्मकता के करीब ले जाता है. बुद्ध हमें अहंकार से परे होकर दया को अपनाना सिखाते है.
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जिंदगी हमेशा बदलती रहती है. रिश्ते और हमारा शरीर भी हमेशा स्थिर नहीं रहता. जब हम ये स्वीकार कर लेते हैं तो हम अच्छे से समय को जी पाते हैं.
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किसी भी चीज से ज्यादा लगाव हमें खुलकर जीने नहीं देते. जब हम ज्यादा लगाव का मोह नहीं लगने देते तो खुल कर जी पाते हैं. ये हमें प्रेम करना और खुल कर जीना सिखाता है.
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