वर्क प्लेस पर सहकर्मी में दिखें ये 6 आदतें तो हो जाएं सतर्क! नार्सिसिस्ट की ऐसे करें पहचान

23 Dec 2023

जीवन में हम तरह-तरह के लोगों से मिलते हैं. इनमें कुछ लोग अच्छे होते हैं, तो कुछ बुरे. 

पर्सनल जीवन में तो हम आसानी से उन लोगों से दूरी बना लेते हैं जो हमें परेशान करते हैं या दुख पहुंचाते हैं, लेकिन वर्क प्लेस पर आपको ना चाहते हुए भी ऐसे लोगों को पूरी तरह इग्नोर नहीं कर सकते हैं. 

हालांकि, आज हम आपको नार्सिसिस्ट सहकर्मियों की आदतों के बारे में बता रहे हैं. अगर वर्क प्लेस पर आपको किसी में ये आदतें नजर आएं तो आपको समझदारी से इन लोगों से डील करने की जरूरत है. 

नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर पर्सनैलिटी वाले लोग अत्यधिक अहंकारी होते हैं. वे अपनी जरूरतों को दूसरों से पहले रखते हैं, और वे अक्सर लोगों या स्थितियों में हेरफेर करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे जो चाहते हैं उसे प्राप्त करें. 

क्या है नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर

अगर आप किसी नार्सिसिस्ट व्यक्ति के साथ ज्यादा समय बिताएंगे तो आप अक्सर खुद की काबीलियत पर ही शक करने लगेंगे. किसी नार्सिसिस्ट वयक्ति की संगत आपको भावनात्मक रूप से थका देती है. साथ ही आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी खतरनाक है. 

क्यों सतर्क होने की जरूरत

साथ ही, आप धीरे-धीरे अपना कॉन्फिडेंस भी खोने लगते हैं. आइए जानते हैं नार्सिसिस्ट कोवर्कर के लक्षण. 

क्यों सतर्क होने की जरूरत

अगर आप अपनी वर्क प्लेस पर किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो किसी भी अच्छे काम का पूरा क्रेडिट खुद ले लेता है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है. नार्सिसिस्ट लोगों की आदत होती है कि वो सारा क्रेडिट खुद लेकर अपना फायदा देखते हैं. 

क्रेडिट चोरी करना

नार्सिसिस्ट व्यक्ति अच्छे काम का क्रेडिट तो खुशी-खुशी ले लेता है, लेकिन अगर काम में कोई गलती हो जाए तो वो उसकी जिम्मेदारी कभी नहीं लेंगे. गलतियों का आरोप वो हमेशा अपने साथ वालों पर डालते हैं. 

गलतियों की जिम्मेदारी ना लेना

नार्सिसिस्ट लोगों को हर वक्त अंटेशन की भूख रहती है. ये अंटेशन पाने के चक्कर में हर चीज को ड्रामे में बदल देते हैं. इससे पूरी टीम का माहौल और वक्त बर्बाद होता है. 

अटेंशन के भूखे

अगर आप वर्क प्लेस पर किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो किसी भी बातचीत को अपने बारे में बना लेते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है. जैसा कि हम जानते हैं कि ये अंटेशन के भूखे होते हैं. 

बातचीत को हाईजैक कर लेना

इस वजह से ये किसी भी बातचीत को हाईजैक कर लेते हैं और दूसरों को बोलने का मौका ही नहीं देते हैं.

नार्सिसिस्ट लोगों के लिए उनकी ईगो ही सबकुछ होती है. इस वजह से वो किसी तरह की रचनात्मक आलोचना को भी पॉजिटिव तरीके से नहीं ले पाते हैं. अगर उनकी भलाई के लिए भी उन्हें समझाया जा रहा है तो आपसे नाराज हो सकते हैं, खुद को सही साबित करने में लगे रहेंगे. 

आलोचना नहीं सुन सकते