05 Aug 2025
भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था (Indian Administration System) में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) की भूमिका प्रतिष्ठित मानी जाती है.
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इन पदों पर नौकरी (Sarkari Naukri) करने वाले उम्मीदवार अपने सब डिवीजन में लॉ एंड ऑर्डर, राजस्व प्रशासन और डेवलपमेंट के लिए जिम्मेदार होते हैं.
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SDM बनना कई लोगों का सपना होता है. 12वीं पास कैंडिडेट्स भी इस पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं पूरा प्रोसेस क्या है.
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SDM या सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, एक राज्य सिविल अधिकारी होता है.
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एक IAS या भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी जिसने UPSC परीक्षा पास की है, उसे अपने ट्रेनिंग पीरियड में SDM के रूप में सेवा करने के लिए चुना जा सकता है.
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इसके बाद उन्हें डिप्टी या असिस्टेंट कलेक्टर या असिस्टेंट कमिश्नर कहा जाता है.
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इसके अलावा स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन से चुने गए उम्मीदवार भी SDM के पद हासिल कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें काफी अच्छी रैंक लानी होगी.
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एसडीएम को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के साथ सैलरी मिलती है. SDM की सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है.
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क एसडीएम को पे बैंड 9300-34800 में ग्रेड पे 5400 के साथ सैलरी मिलती है. SDM की सैलरी 56,100 रुपये से शुरू होती है. सैलरी के साथ-साथ कई भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं.
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बिना किराए या मामूली किराए पर स्वयं और परिवार के लिए निवास, सुरक्षा गार्ड और घरेलू नौकर जैसे रसोइया और माली, एक आधिकारिक वाहन (साईरन के साथ), एक टेलीफोन कनेक्शन (इसका बिल सरकार भरती है) की सुविधा एसडीएम को मिलती है.
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बिजली बिल का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है, राज्यभर में आधिकारिक यात्राओं के दौरान उच्च श्रेणी आवास की सुविधा, उच्च अध्ययन के लिए अवकाश की सुविधा और पति/पत्नी को पेंशन भी मिलती है.
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