12 June 2025
भारत में चल रहे सैनिक स्कूल देश के उन विशेष बोर्डिंग स्कूलों में शामिल हैं, जो बच्चों को न सिर्फ बेहतर शिक्षा देते हैं, बल्कि उन्हें अनुशासित और देशभक्ति से भरे नागरिक के रूप में भी तैयार करते हैं.
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आइए जानते हैं सैनिक स्कूल की फीस कितनी होती है और किन किन लोगों को एडमिशन मिलता है.
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ये स्कूल रक्षा मंत्रालय के अधीन आते हैं और खास तौर पर उन छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), नौसेना और वायुसेना जैसी सेवाओं के लिए तैयार करने का काम करते हैं.
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सैनिक स्कूलों में कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश के लिए हर साल अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) कराई जाती है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आयोजित करती है.
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इस परीक्षा में चयन होने के बाद छात्रों का मेडिकल टेस्ट भी होता है. इसके बाद ही उन्हें प्रवेश मिलता है. लिखित परीक्षा को बेहद कम बच्चे पास कर पाते हैं.
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ये स्कूल पूरी तरह से बोर्डिंग होते हैं, यानी बच्चे पूरे साल हॉस्टल में रहते हैं और एक अनुशासित सैन्य शैली में प्रशिक्षण पाते हैं.
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यहां एडमिशन के लिए कोई भी स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकता है. हालांकि, एडमिशन परीक्षा पास करने के बाद ही मिलता है.
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फीस की बात करें तो सैनिक स्कूलों की सालाना फीस लगभग ढेड़ लाख के बीच होती है, जिसमें ट्यूशन, हॉस्टल, मेस, यूनिफॉर्म और अन्य सुविधाएं शामिल होती हैं.
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हालांकि, कई राज्यों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, एससी/एसटी छात्रों और रक्षा पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की सुविधा भी दी जाती है.
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