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कैसे हुई Tata कंपनी की शुरुआत, जानें- क्या था पहला कारोबार

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10 Oct 2024

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टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा अब नहीं रहे. उनका 86 साल की उम्र में निधन हो गया. रतन टाटा ने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली.

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रतन  टाटा (Ratan Tata Dead) के नेतृत्व में टाटा समूह ने नई ऊंचाइयों को छुआ और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. टाटा ग्रुप को इस ऊंचाई तक ले जाने में रतन टाटा का सबसे बड़ा रोल रहा.

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क्या आप जानते हैं कि रतन टाटा से पहले उनके दादा जमशेदजी टाटा ने कई तरह के कारोबारों में हाथ आजमाया था, जानें क्या था उनका पहला कारोबार...

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जमशेदजी के पिता नुसेरवानजी टाटा (Nusserwanji Tata) अपने परिवार में पहले व्यक्ति थे जिन्होंने व्यापार में हाथ आजमाया. जमशेदजी टाटा ने 14 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ बंबई में हाथ बंटाना शुरू किया.

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जमशेद जी टाटा ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की और ग्रेजुएट होने के करीब 10 साल बाद 1868 में अपना पहला वेंचर शुरू किया. 

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सिर्फ 21,000 रुपये के निवेश से ट्रेडिंग कंपनी शुरू की थी. फिर जमशेदजी टाटा इंग्लैंड गए और वहां से कपड़ा व्यापार सीखकर लौटे.

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इंग्लैंड से लौटने के बाद 1869 में ही जमशेदजी टाटा ने कपड़े के व्यापार में हाथ आजमाया. उन्होंने बंबई के इंडस्ट्रियल हब चिंचपोकली में एक दिवालिया हो चुकी तेल मिल को खरीदा.

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म‍िल का नाम बदलकर एलेक्जेंड्रा मिल (Alexandra Mill) मिल रखा फिर इस मिल को उन्होंने एक कॉटन मिल में बदला और दो साल बाद ही एक अच्छे प्रॉफिट के साथ इसे एक स्थानीय व्यापारी को बेच दिया.

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वो फिर इंग्लैंड गए और लैंकशायर के कपड़ा व्यापार को गहराई से समझा. उस समय बंबई कपड़ा मिलों की सबसे पसंदीदा जगह थी, लेकिन जमशेदजी टाटा ने अपने प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए दूरदर्शी सोच को अपनाया.

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उन्होंने 3 बिंदुओं के आधार पर 1.5 लाख रुपये के निवेश से 1874 में महाराष्ट्र के नागपुर में सेंट्रल इंडिया स्पिनिंग, वीविंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की शुरुआत की.

जमशेदजी टाटा ने अपने कपड़ा व्यापार का सस्ता एक्सपोर्ट करने के लिए 1873 में एक शिपिंग कंपनी भी शुरू की थी. इसके लिए उन्होंने लंदन से Annie Barrow नाम के एक जहाज को 1,050 पाउंड प्रति महीने के किराये पर लिया.

इतना ही नहीं जमशेदजी टाटा ने देश में सिल्क उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया. 1893 में जमशेदजी टाटा जापान की यात्रा पर गए, जहां उन्हें वैज्ञानिक तरीके से रेशम कीट पालन की पद्धति का पता चला.

जब वह भारत लौटे तो उन्होंने तब के मैसूर स्टेट में इस कारोबार को फैलाया. इसके लिए उन्होंने वहां आवयश्यक जमीन खरीदी और सब्सडाइज तरीके से रेशम कीट का पालन शुरू किया.  

वहीं जमशेदजी टाटा ने आम और कोल्ड स्टोरेज के कारोबार में भी हाथ आजमाया. टाटा की वेबसाइट के मुताबिक टाटा ग्रुप ने देश को पहली बड़ी स्टील कंपनी, पहला लग्जरी होटल, पहली देसी कंज्यूमर गुड्स कंपनी दी.

देश की पहली एविएशन कंपनी टाटा एयरलाइंस की शुरुआत भी की, जो बाद में Air India हो गई. समूह की टाटा मोटर्स पहले रेलवे इंजन बनाया करती थी और देश की पहली एसयूवी Tata Sierra भी इसी ने बनाई थी.

Pictures Credit: India Today Archive