11 April 2025
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के हाथ में होती है. लेकिन जब प्रधानमंत्री किसी राज्य के दौरे पर होते हैं तो राज्य की पुलिस की भी जिम्मेदारी होती है.
31 अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी. इसके बाद 1985 में संसद में एसपीजी एक्ट पारित किया गया और एसपीजी का गठन हुआ.
SPG कमांडोज की सुरक्षा 4 स्तर की होती है. पहले स्तर में SPG की टीम के पास सुरक्षा का जिम्मा होता है. SPG के 24 कमांडो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
कमांडोज के पास FNF-2000 असॉल्ट राइफल होती है. सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और दूसरे अत्याधुनिक हथियार होते हैं.
देश के किसी अन्य सैन्य बल की तरह SPG में सीधी भर्ती नहीं होती है. IPS, CISF, BSF और CRPF से चयनित जवानों को SPG में शामिल किया जाता है. गृह मंत्रालय के तहत SPG मुख्यालय गोपनीय तरीके से भर्ती करता है.
चयनित उम्मीदवारों का सेवा रिकॉर्ड, फिटनेस और अन्य मापदंडों के आधार पर SPG कमांडो के रूप में चयन किया जाता है.
एसपीजी में आने वाला जवान पहले से ही स्पेशल फोर्स का हिस्सा होता है, जिनके पास काफी अनुभव होता है. इसके बाद भी उन्हें वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग दी जाती है.
दौड़ना, तैरना, मार्शल आर्ट्स, हथियार चलाना, मेंटली प्रिपेर रहना, चौकसी, आतंकवादियों से लड़ना, अंधेरे में लड़ना आदि SPG कमांडो की टफ ट्रेनिंग का हिस्सा होते हैं.
SPG कमांडो की सैलरी उनके रैंक और अनुभव के आधार पर 84,000 से 2,40,000 रुपये लगभग (मासिक) तक हो सकती है. इसमें विशेष भत्ता, जोखिम भत्ता और अन्य लाभ भी शामिल होते हैं.
ऑपरेशन ड्यूटी पर तैनात एसपीजी कमांडो को सालाना 27800 रुपये और नॉन ऑपरेशन ड्यूटी वाले कमांडो को सालाना 21225 रुपये का ड्रेस भत्ता अलग से मिलता है. हालांकि ये आंकड़े समय के साथ बदल सकते हैं.
All Photo Credit: PTI