14 April 2025
पवन कल्याण की पत्नी अन्ना कोनीदेला ने अपने बेटे मार्क शंकर की सलामती के लिए तिरुमला मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को बाल अर्पित किए.
तिरुमाला या तिरुपति बालाजी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति के पास तिरुमाला पहाड़ी पर स्थित है.
जहां पर भगवान श्री हरि विष्णु के श्री वेंकटेश्वर रूप की पूजा-उपासना की जाती है. तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों द्वारा बाल दान करने की भी मान्यता है.
लाखों भक्त यहां आकर बाल दान करते हैं लेकिन फिन इन बालों का होता क्या है? आइए आपको बताते हैं.
असल में इन बालों को नीलाम किया जाता है. बालों की कीमत कैटगरी वाइज तय की जाती है. पहली कैटगरी में मजबूत और काले बालों को रखा जाता है.
बालों की सबसे पहली कैटगरी में 31 इंच का बाल आता है जो सबसे महंगे नीलाम होते हैं. उसके बाद दूसरे नंबर पर 16 से 30 इंच का बाल होता है. तीसरी कैटगरी में 10 से 15 इंच का बाल आता है.
चौथी वैरायटी 5 से 6 इंच के बाल आते हैं और पांचवी कैटगरी में 5 इंच या उससे कम का बाल आता है. सबसे आखिरी कैटगरी होती है ग्रे बालों की, इनकी कीमत अक्सर कम होती है.
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट हर साल पहले गुरुवार को नीलामी का आयोजन करता है.
साल 2024 में गुरुवार को तिरुमाला में संयुक्त कार्यकारी अधिकारी श्री के.एस. श्रीनिवास राजू की देखरेख में ई-नीलामी हुई थी. है.
इस नीलामी में मंदिर को भक्तों द्वारा चढ़ाए गए बालों की नीलामी 74 करोड़ रुपये में हुई थी. है.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों द्वारा दान किए बालों की मासिक नीलामी से लगभग 6. 39 करोड़ की कमाई हुई थी.है.
साल 2018 में अलग-अलग श्रेणी के लगभग 1,87,000 किलोग्राम बाल बेचे गए थे.
जिसमें से 10,000 किलोग्राम बाल सबसे बेहतर किस्म के हैं, ये 600 किलोग्राम बाल 22,494 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचे गए. जिससे कुल 1.35 करोड़ रुपये की कमाई हुई.
जबकि, इससे निचली किस्म के यानी नंबर 2 श्रेणी के करीब 46,100 किलोग्राम बाल थे, जिनकी कीमत 17,223 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
इस श्रेणी से 2400 किलोग्राम बाल बिके, जिससे 4.13 करोड़ रुपये की कमाई हुई.
अब बात करें अगर तीसरी श्रेणी की तो साल 2018 में नंबर 3 श्रेणी के 30,300 किलोग्राम बाल स्टॉक में थे, जिनकी कीमत 2833 रुपये प्रति किलोग्राम थी.
तीसरी कैटगरी के 500 किलोग्राम बाल बिके थे, जिससे 14.17 लाख रुपये की कमाई हुई थी.
नंबर 4 श्रेणी के 200 किलोग्राम बाल 1195 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिके, जिससे 2.39 लाख रुपये की कमाई हुई थी.
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हर साल विश्व के अलग अलग कोनों से भक्त यहां आकर लगभग 500 से 600 टन बाल दान करके जाते हैं.
इस प्रक्रिया के अनुसार, दान किए हुए बालों की साफ करने के लिए सबसे पहले उन्हें उबाला जाता है, फिर धोया जाता है और फिर सूखने के बाद उन्हें बड़े बड़े गोदाम में रखने के लिए भेज दिया जाता है.
Pictures Credit: India Today