इन 10 तस्वीरों में देखिए नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस

19 July 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का उद्घाटन कर दिया है. 1600 साल पुरानी इस धरोहर का नया रूप देखने के लिए सभी उत्साहित हैं.

नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 450 ई. में गुप्त सम्राट कुमार गुप्त प्रथम ने की थी. बाद में इसे हर्षवर्धन और पाल शासकों का भी संरक्षण मिला.

पटना से 90 किलोमीटर और बिहार शरीफ से करीब 12 किलोमीटर दूर दक्षिण में आज भी इस विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय के खंडहर स्थित हैं.

इस विश्विविद्यालय को तक्षशिला के बाद दुनिया का दूसरा सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय माना जाता है.

नालंदा विश्वविद्यालय विश्व का पहला आवासीय विश्वविद्यालय था. दुनियाभर के छात्र यहां शिक्षा लेने आया करते थे. इसलिए इसमें 300 से ज्यादा कमरे थे, सात बड़े-बड़े हॉल थे और इसकी लाइब्रेरी नौ मंजिला हुआ करती थी, जिसका नाम धर्मगूंज था.  

तस्वीरों में आप नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस देख रहे हैं. इसके निर्माण की शुरुआत साल 2017 में की गई थी.

नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस में दो अकेडमिक ब्लॉक हैं, जिनमें 40 क्लासरूम हैं. यहां पर कुल 1900 बच्चों के बैठने की व्यवस्था है. यूनिवर्सिटी में दो ऑडोटोरियम भी हैं.

इसके अलावा इंटरनेशनल सेंटर और एम्फीथिएटर भी बनाया गया है, जहां 2 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. यही नहीं, छात्रों के लिए फैकल्टी क्लब और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स भी है.

नए कैंपस में  बौद्ध अध्ययन, फिलॉसफी, तुलनात्मक धर्म की पढ़ाई, इतिहास, पारिस्थितिकी और पर्यावरण स्टडीज और मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए अलग-अलग स्कूल बनाए गए हैं.