10 April 2025
2008 के 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के दौरान छोटे चाय वाले ने कई लोगों की जान बचाई थी.
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मुंबई आतंकवादी हमले का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा आज गुरुवार को भारत पहुंच जाएगा. इसपर छोटे चाय वाले की प्रतिक्रिया सामने आई है.
छोटे चाय वाले ने कहा कि भारत को तहव्वुर राणा को जेल में खास सेल, बिरयानी और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है, जो मुंबई हमलों में शामिल आतंकवादियों में से एक अजमल कसाब को दी गई थीं.
इसके अलावा तहव्वुर राणा के भारत लाए जाने पर सोशल मीडिया पर भी लोग कह रह हैं कि उसे जेल में कोई स्पेशल ट्रीटमेंट या कसाब की तरह बिरयानी नहीं मिलनी चाहिए.
लेकिन क्या वाकई में अजमल कसाब को मुंबई जेल में रहते हुए बिरयानी परोसी गई थी?
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बता दें कि कई सालों तक, पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को 'मटन बिरयानी' खिलाने का दावा किया जाता रहा है.
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कसाब को 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में अपनी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी.
पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी मीरान चड्ढा बोरवणकर ने हाल ही में प्रकाशित अपने संस्मरण मैडम कमिश्नर: द एक्स्ट्राऑर्डिनरी लाइफ ऑफ एन इंडियन पुलिस चीफ में इस दावे की सच्चाई बताई है.
जब कसाब और याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाई गई तब IPS मीरान चड्ढा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कारागार) रे रूप में वहां कार्यरत थीं. उन्होंने ही फांसी की निगरानी की थी.
कसाब को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया था. IPS मीरान चड्ढा ने किताब में लिखा, "डॉक्टरों सहित जेल कर्मचारी कसाब के खान-पान और स्वास्थ्य को लेकर बहुत सावधान थे.
हालांकि, उसे कभी भी बिरयानी जैसी कोई 'विशेष' डिश नहीं परोसी गई, जैसा कि प्रचारित किया गया था."
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"मुझे बताया गया कि शुरू में वह शारीरिक व्यायाम में खुद को व्यस्त रखता था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वह शांत हो गया और उसे अपने आस-पास की गतिविधियों से कोई मतलब नहीं रहा.
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जब मैंने उससे सवाल किए, तो वह या तो चुप रहता या बस मुस्कुराता.
हालांकि, जेल अधिकारियों के पास उसके हिंसक, आक्रामक व्यवहार के बारे में कई कहानियां थीं, जब उसे पहली बार लाया गया था.
अदालत में उसके मुकदमे के कुछ ही महीनों बाद वह शांत हो गया."