कौन थे वीर अब्दुल हमीद? जिन्होंने जंग में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

22 Sept 2024

Credit: www.gallantryawards.gov.in

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 और स्कूली शिक्षा के लिए नेशल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 के तहत NCERT की किताब में दो बड़े बदलाव किए गए हैं. 

एनसीईआरटी की छठी क्लास की किताब में इस साल से 'राष्ट्रीय युद्ध स्मारक' शीर्षक वाली एक कविता और 'वीर अब्दुल हमीद' शीर्षक वाले पाठ को सिलेबस में शामिल किया है. 

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रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण और साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करना है.

अब्दुल हमीद पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहुत ही साधारण परिवार से आते थे लेकिन उन्होंने अपनी वीरता की असाधारण मिसाल कायम करते हुए भारत माता की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था.

कौन थे वीर अब्दुल हमीद?

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कहा जाता है कि जब 1965 के युद्ध शुरू होने के आसार बन रहे थे तो वो अपने घर गए थे, लेकिन उन्हें छुट्टी के बीच से वापस ड्यूटी पर आने का आदेश मिला.

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उस दौरान उनकी पत्नी ने उन्हें खूब रोका, लेकिन वे रुके नहीं. रोकने की कोशिश के बाद हमीद ने मुस्कराते हुए कहा था- देश के लिए उन्हें जाना ही होगा.

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भारतीय सैनिक अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान असाधारण वीरता का प्रदर्शन किया था.

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1965 के युद्ध के दौरान, अब्दुल हमीद ने खेमकरण सेक्टर में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ते हुए अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया.

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अपनी जीप से उन्होंने अकेले ही कई पाकिस्तानी टैंकों को नष्ट कर दिया. ये टैंक पाकिस्तानी सेना के लिए काफी अहम थे और अमेरिका से खरीदे किए गए थे.

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उनकी शौर्य गाथा आज भी देशवासियों को प्रेरित करती है. उन्हें भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान, परमवीर चक्र मरणोपरांत प्रदान किया गया था.

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26 जनवरी, 1966 को उनकी पत्नी रसूलन बीबी ने तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन से यह पुरस्कार प्राप्त किया था.

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