'काल करे सो आज कर... बहुरि करेगा कब', जानें क्या है बहुरि का अर्थ

21 Nov 2024

'काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब' यह दोहा संत कवि कबीरदास का है.

इसका अर्थ है कि हमें कभी भी किसी काम को कल पर नहीं टालना चाहिए. हमें हमेशा समय रहते ही काम पूरा कर लेना चाहिए.

कबीरदास के मुताबिक, हमें यह नहीं पता कि कल आएगा ही या नहीं, और अगर आएगा भी तो हम जीवित रहेंगे या नहीं. इसलिए, हमें आज का काम आज ही समाप्त कर लेना चाहिए.

इस दोहे में बहुरि शब्द को लेकर अकसर लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं कि आखिर बहुरि का क्या अर्थ? आइये आज जानते हैं.

दरअसल, बहुरि शब्द मुख्य रूप से हिंदी और अवधी शब्द है. इसका अर्थ है 'फिर से.' हालांकि इसका इस्तेमाल कई संदर्भों में किया जाता है.

जैसे कि- फिर से करना, दोबारा करना, पुनः प्रयास करना, फिर से मिलना, दोबारा आना आदि.

उदाहरण के लिए 'मैं बहुरि आऊंगा' यानी मैं फिर से आउंगा, 'बहुरि कहो' यानी फिर से कहो.