फॉरेन लैंग्वेज कोर्स किया है तो मिलेगी इतनी मोटी सैलरी

By Aajtak Education

February 13, 2023

आउटसोर्सिंग वर्क के लिए भारत एक बड़ा हब बन चुका है, जहां फॉरेन लैंग्वेज कोर्स करने के बाद लाखों में सैलरी दी जाती है.

होटल एंड टूरिजम, सरकारी विभागों में ट्रांसलेटर, MNC कंपनियों, मीडिया मैनेजमेंट समेत अनगिनत जगहों पर विदेशी भाषा बोलने वालों की बड़ी मांग है.

भारत में चाइनीज, फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, जैपनीज, रशियन, कोरियन और कई फॉरेन लैंग्वेज कोर्स कर चुके युवाओं के लिए अच्छा खासा स्कोप है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडिया में चाइनीज (मैंडरिन) लैंग्वेज वालों को सबसे ज्यादा 12 लाख रुपये (प्रतिवर्ष) सैलरी मिलती है.

लगभग 10 लाख रुपये (प्रतिवर्ष) तक सैलरी के मामले में फ्रेंच दूसरे नंबर पर है.

स्पेनिश बोलने वाले प्रोफेशनल्स को 9.80 लाख रुपये (प्रतिवर्ष) तक सैलरी मिलती है.

इस लिस्ट में चौथा नंबर जर्मन लैंग्वेज वालों का है, इनकी एवरेज सालाना सैलरी 9.50 लाख रुपये तक होती है.

जैपनीज सीखने वालों को सालाना 6 लाख रुपये तक सैलरी दी जाती है. इंटरनेशन ट्रेड मार्केट में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है.

जैपनीज के बाद डच लैंग्वेज वालों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है, इनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा मानी जाती है.