21 Mar 2025
Credit: Indian Railway
इंडियन रेलवे से हर दिन लाखों यात्री सफर करते हैं. रेलवे यात्रियों की सहूलियत के लिए समय-समय पर नई-नई सुविधाएं जोड़ता है, ताकि सफर करने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो.
रेलवे की तरफ से दिए जाने वाले कंबल, तकिया और बेडशीट की साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है कि किसी भी यात्री को कोई दिक्कत न हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन की चादर कैसे धुलती हैं और कितने दिन पर धुली जाती है. तो चलिए जानते हैं.
वर्तमान में इंडियन रेलवे हर दिन अपने यात्रियों को 6 लाख से ज्यादा कंबल और बेडशीट के लिनन सेट उपलब्ध करा रही है, जिसमें 2 बेडशीट, 1 कंबल, 1 तकिया का कवर., 1 तकिया और 1 तौलिया शामिल होता है.
पहले RAC ( Reservation Against Cancellation) में सफर करने वाले को ये लिनन सेट नहीं दिए जाते थे, लेकिन अब इस कंपार्टमेंट में भी सफर करने वालों को अन्य यात्रियों की तरह लिनन सेट दिया जा रहा है.
लिनन की क्वालिटी और बेहतर हो इसलिए रेलवे ने अब नए सेट्स को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के मानकों के अनुसार खरीदे गए हैं.
इसके साथ ही सभी जोनल रेलवे में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री लगाई गई है ताकि समय से साफ-सुथरा लिनन लोगों को मिल सके.
इन लॉन्ड्री में स्टैंडर्ड मशीनों और ब्रांडेड रसायनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि हर बार अच्छे से धुलाई हो.
सफाई की क्वालिटी को ध्यान रखने के लिए सीसीटीवी और रेलवे के स्टाफ की निगरानी भी रहती है. स्वच्छता की देखरेख के लिए कई बार बड़े रेलवे अधिकारी भी चेकिंग को आते हैं.
पहले कंबल की धुलाई 2 महीने में 1 बार की जाती थी, लेकिन अब ये सुनिश्चित किया जाता है कि कंबल एक महीने के अंदर धुल जाए. वहीं, बेडशीट, पिलो कवर और तौलिया की धुलाई हर यात्री के उपयोग के बाद की जाती है, ताकि उसकी सफाई बनी रहे.
वहीं, बेडशीट की धुलाई के बाद इसकी क्वालिटी (whiteness meter) से चेक की जाती है, अगर कोई बेडशीट उचित मानको पर नहीं उतरता है तो उसे दोबारा धुलाई के लिए भेज दिया जाता है.
अगर किसी यात्री को बेडशीट, कंबल, तकिया और तौलिया (लिनन सेट) से कोई दिक्कत होती है तो आप रेलवे मदद ऐप पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
इसके लिए हर जोनल हेड क्वाटर पर वॉर रूम बनाए गए हैं, जो शिकायतों की निगरानी करते हैं.