शहीद तेलंगा खड़िया की कहानी, जिसकी फौज में थे 1500 योद्धा
By Aajtak.in
09 February, 2023
शहीद तेलंगा खड़िया का जन्म 9 फरवरी 1806 को झारखंड के गरीब आदिवासी परिवार में हुआ था.
बचपन ब्रिटिश सरकार और जमींदारी के जुल्मों तले गुजरा तो 25 साल की उम्र में स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए.
गांव-गांव घूमकर लोगों को साथ मिलाया, कई पंचायतों की स्थापनी की और जमींदारी सिस्टम के खिलाफ जागरूक किया.
अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ने के लिए खुद की एक फौज खड़ी की थी जिसमें 1500 योद्धा शामिल थे.
उनका विरोध इतना प्रभावशाली साबित हो रहा था कि उनसे टक्कर लेने के लिए ब्रिटिश सरकार और जमींदारों को एक होना पड़ा.
अंग्रेज सरकार के एक वफादार जमींदार ने 23 अप्रैल 1880 को गोली मारकर तेलंगा खड़िया की हत्या कर दी थी.
शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज आज भी उन्हें भगवान के समान दर्जा देते हैं और उनकी मूर्ति की पूजा करते हैं.
बता दें कि तेलंगा खड़िया का परिवार आज आर्थिक तंगी से बेहाल है. इलाज के लिए जमीन तक गिरवी रखनी पड़ रही है.
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