11 May 2025
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और न्यायाधीश (Judge) दोनों ही देश की रीढ़ हैं, लेकिन इनके अधिकार और शक्तियां अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती हैं.
IAS ऑफिसर देश के प्रशासनिक ढांचे को चलाते हैं. वे नीतियां लागू करते हैं, जिला प्रशासन संभालते हैं और विकास योजनाओं को अमल में लाते हैं.
IAS जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, और कानून-व्यवस्था जैसे क्षेत्रों को कंट्रोल करता है. उनकी शक्ति कार्यकारी होती है, जो सरकार की मशीनरी को गति देती है.
न्यायाधीश (जैसे सिविल जज, मजिस्ट्रेट या हाई कोर्ट जज) कानून की व्याख्या करते हैं और न्याय प्रदान करते हैं.
जज की शक्ति न्यायिक (ज्यूडिशियल) है, जो संविधान की रक्षा करती है. वे IAS अधिकारियों के फैसलों को भी चुनौती दे सकते हैं, जैसे अवमानना के मामले में.
IAS की शक्ति नीतियों को लागू करने और प्रशासन चलाने में है, जबकि जज की शक्ति कानून की रक्षा और फैसले सुनाने में है.
UPSC एस्पिरेंट्स के बीच यह सवाल आम है कि IAS और जज में से कौन ज्यादा ताकतवर है. दृष्टि IAS के संस्थापक और फेमस टीचर डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने इसे सरल शब्दों में समझाया है.
विकास दिव्यकीर्ति के कई वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखे जाते हैं. उनमें से एक IAS बनाम जज का है.
वीडियो में उन्होंने कहा कि एक सवाल आता है कि अगर किसी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को एक ऑर्डर हाईकोर्ट से और एक राज्य सरकार से मिले तो उसे कौन सा मानना चाहिए?
उन्होंने कहा हाईकोर्ट का ऑर्डर मानना चाहिए, क्योंकि कोर्ट राज्य सरकार पर भी कार्रवाई करने में सक्षम है. हाईकोर्ट सेक्रेटरी लेवल के ऑफिसर को भी जेल भेज सकता है.