31 Mar 2025
Credit: IAS Ramesh Gholap Instagram
कहते हैं कि किसी चीज को अगर शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने में लग जाती है.
ऐसी ही कहानी है महाराष्ट्र के रहने वाले आईएएस रमेश घोलप की है, जो बचपन में गरीबी के कारण अपनी मां के साथ चूड़ियां बेचा करते थे.
वे बताते हैं कि उनके पिता की साइकिल रिपेयरिंग की दुकान थी. वे काफी ज्यादा शराब के आदी थे, जिस वजह से दुकान की सारी साइकिल बिक गई.
उस समय घर चलाने के लिए मां ने निर्णय लिया कि वे चूड़ियां बेचने का काम करेंगी. मां चूड़ियां बेचती और वे आवाज लगाने का काम करते थे.
उन्होंने कई बार मां के साथ खेतों में काम भी किया. इसी बीच पिता की मृत्यु हो गई, पिता के अंतिम संस्कार में पहुंचने के लिए उनके पास बस के किराए के दो रुपये नहीं थे.
इसके बाद मां ने कहा कि चाहे मुझे चूड़ियां बेचनी पड़े या किसी के घर में काम करना हो करूंगी, लेकिन तुम पढ़ाई करके अच्छी जॉब लो.
IAS रमेश घोलप की प्रारंभिक पढाई उनके गांव से ही हुई है, इसके बाद वे अपने चाचा के घर जाकर 12वीं की पढ़ाई पूरी की और डिप्लोमा में एडमिशन लेकर शिक्षक के तौर पर पढ़ाना शुरू कर दिया.
पढ़ाई के दौरान उन्होंने बीए की डिग्री भी प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने सोचा कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए और तैयारी शुरू कर दी.
साल 2010 में पहली बार UPSC की परीक्षा में बैठे, लेकिन वे परीक्षा में फेल हो गए. इसके बाद मां ने लोगों से पैसे उधार लेकर बाहर पढ़ाई करने पुणे भेज दिया.