जहां गिरता है परमाणु बम, कई 100 किलोमीटर हो जाता है तबाह? ऐसा होता है मंजर

28 April 2025

दुनिया के कुछ ही देशों के पास परमाणु बम हैं, इन देशों की लिस्ट में भारत और पाकिस्तान भी शामिल हैं.

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अगर एक परमाणु बम फटता है तो कितना इलाका तबाह हो सकता है और तबाही कितनी बड़ी हो सकती है. आइए आपको बताते हैं.

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हाल ही में ओपेनहाइमर नाम की फिल्म रिलीज़ हुई है, जो रॉबर्ट ओपेनहाइमर की ज़िंदगी और परमाणु बम के पहले परीक्षण पर आधारित है.

इस फिल्म में 1945 में हुई ट्रिनिटी परीक्षण की घटना को दिखाया गया है.

Air Force  Nuclear Weapon Center के अनुसार, यह घटना न्यू मैक्सिको के रेगिस्तान में हुई थी, जहां परमाणु बम का पहला परीक्षण किया गया था. परीक्षण का समय सुबह 5:30 बजे था.

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धमाका इतना तेज था कि परमाणु बम को संभालने वाला टावर गिर गया, चारों ओर सूरज जैसी तेज चमक फैल गई और काला धुआं हर जगह छा गया. धमाके का असर करीब 160 किलोमीटर तक फैला था.

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ट्रिनिटी साइट अब व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज का हिस्सा है और रक्षा विभाग के पास है.

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यह परीक्षण सफलता से हुआ और इससे अमेरिका को परमाणु बम के इस्तेमाल की ताकत मिली, जो बाद में हिरोशिमा पर गिराया गया.

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6 अगस्त 1945 को सुबह के करीब आठ बजे हिरोशिमा पर परमाणु बम का जोरदार हमला हुआ. यह बम 15KT यानी कि TNT का हजार टन.

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ये हमला इतना जबरदस्त था कि कुछ ही पल में 80 हजार से ज्यादा लोगों की दुखद मौत हो गई.

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बम धमाकों में इतनी गर्मी थी कि लोग सीधे जल गए. एक मिनट के भीतर हिरोशिमा शहर का 80 फीसदी हिस्सा राख हो गया.

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इसके बाद हजारों लोग परमाणु विकिरण से जुड़ी बीमारियों के चलते मारे गए. इसके बाद एक और परमाणु हमला जापान के नागासाकी शहर पर भी किया गया,  वहां भी परमाणु बम ने तबाही मचा दी थी.

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एक अध्ययन से पता चला कि बम गिरने की जगह के 29 किलोमीटर क्षेत्र में काली बारिश हुई. जिससे मौतें बढ़ीं और इस काली बारिश ने अपने संपर्क में आने वाली सभी चीजों को भी दूषित कर दिया.

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