28 Jan 2024
घने कोहरे में विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच जाती है, ऐसे में 1 मीटर भी साफ देखना मुश्किल हो जाता है.
जीरो विजिबिलिटी में सड़कों पर सही लेन में गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है तो सोचिए कि फ्लाइट का क्या होता होगा?
लेकिन असल में कितना भी कोहरा हो प्लेन रनवे पर अपनी सॉफ्ट लैंडिंग कर ही लेता है. इसके पीछे एक खास टैकनीक है, आइए जानते हैं.
घने कोहरे में फ्लाइट को लैंड कराने में CAT III B नेविगेशन सिस्टम टेक्नोलॉजी काम में लाई जाती है. इस सिस्टम में गड़बड़ हो जाए तो पायलट फ्लाइट लैंड नहीं करता.
इस सिस्टम में ऑटो पायलट और ऑटो लैंडिंग मोड होता है और यह सेटेलाइट से कनेक्ट होती है. पायलट को रवने पर लाइट देखकर लैंड कराने की नौबत नहीं आती.
यह सिस्टम पायलट को समय-समय पर जमीन से फ्लाइट की दूरी और अन्य चीजों बताता रहता है.
लेकिन अगर रनवे पर 50 मीटर तक विजिबिलिटी ना हो तो पायलट फ्लाइट को आसमान में होल्ड करके रखता है, इसके बाद सिग्नल मिलने के बाद ही फ्लाइट लैंड होती है.