अफगानिस्तान-पाकिस्तान में है हिंदुकुश, क्या है इसके नाम में 'हिंदू' होने की कहानी?

29 June 2025

हिंदुकुश एक बहुत ही पुरानी और लंबी पर्वत श्रृंखला है, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच फैली हुई है.

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हिंदुकुश की पहाड़ियां बेहद सुंदर और शांतिपूर्ण दिखाई देती हैं. यहां बर्फ से ढंकी ऊंची-ऊंची चोटी, गहरी वादियां बेहद खूबसूरत लगती हैं.

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यह पर्वत करीब 800 किलोमीटर लंबा है और हिमालय की पहाड़ियों से जुड़ा हुआ है.

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आइए जानते हैं अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बने इन पहाड़ों को हिंदू नाम से कैसे जोड़ा गया.

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इसको लेकर कई कहानियां है. iranicaonline.org के अनुसार, में ‘हिंदुकुश’ का मतलब होता है – ‘हिंदू हत्यारा’. ऐसा क्यों, आइए आपको बताते हैं.

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कहा जाता है कि पुराने समय में जब भारत से हिंदू लोगों को गुलाम बनाकर दूसरे देशों में ले जाया जाता था, तो उन्हें इन्हीं पहाड़ों के रास्ते ले जाया जाता था.

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ये रास्ते बहुत ऊंचे और खतरनाक होते थे, जहां कई लोगों की रास्ते में ही मौत हो जाती थी. इसी वजह से इस जगह का नाम हिंदुकुश पड़ा.

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हिंदुकुश का सबसे ऊंचा पहाड़ तिरिच मीर है, जो पाकिस्तान के चित्राल इलाके में है.

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पौराणिक कहानियों के अनुसार, पहले इस पर्वत को ‘पारियात्र’ या ‘परिजात’ पर्वत कहा जाता था.

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ऐसा भी माना जाता है कि भगवान राम के बेटे कुश ने यहां तपस्या की थी और उन्हें यहां अमृत दीक्षा मिली थी.

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इसी कारण इस जगह को ‘हिंदुकेश’ भी कहा गया, जिसका मतलब है – ‘भारत का अंतिम सिरा’.

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