15 Oct 2024
परीक्षा या किसी भी कॉम्पिटिशन में फेल होने पर निराशा महसूस होती है. अक्सर लोगों को लगता है कि यही अंत है.
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लेकिन अगर आप फेल होने को एपीजे अब्दुल कलाम के नजरिये से देखेंगे तो समझेंगे कि जीवन में फेल होना भी जरूरी है.
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डॉ. कलाम ने छात्रों को हमेशा प्रोत्साहित किया और उन्हें बहुमूल्य ज्ञान दिया है.
उनका कहना था कि "अगर आप असफल होते हैं, तो कभी हार न मानें क्योंकि F.A.I.L. का अर्थ है 'सीखने में पहला प्रयास (First Attempt In Learning)' और अंत अंत नहीं है (End is not the end).
दरअसल ई.एन.डी. का अर्थ है 'प्रयास कभी नहीं मरता.' यदि आपको जवाब में 'NO' मिलता है, तो याद रखें कि एन.ओ. का अर्थ है 'नेक्स्ट अपॉर्चुनिटी' तो, आइए पॉजिटिव सोच बनाए रखें."
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पिछले कुछ सालों से असफलता की वजह से या फेल होने के डर से जिंदगी को ही हार समझ रहे हैं.
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खासकर फेल होने पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का भी मनोबल टूट रहा है.
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ऐसे में डॉ. अब्दुल कलाम का यह विचार उन्हें नई सोच, नई राह और नई जिंदगी देने वाला है.