चुनावों के बाद वोटों की गिनती से तय होता है कि किस किस पार्टी की जीत या हार हुई है और किसकी सरकार बनेगी.
ईवीएम यानी इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों द्वारा लोग अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट डालते हैं.
Credit: Getty Images
क्या आप जानते हैं कि वोटों की गिनती किस तरह होती है और ईवीएम मशीन के इस्तेमाल के दौरान वोटर के अलावा कौन-कौन मौजूद होता है?
Credit: Getty Images
आइए जानते हैं कि वोट डालने और गिनती करने का पूरा प्रोसेस किया है और अगर मशीन में कोई गड़बड़ी पाई जाए तो इंमरजेंसी में क्या फैसला लिया जाता है.
Credit: Getty Images
वोटिंग शुरू होने से पहले ईवीएम मशीन की जांच होती है और साथ में रिटर्निंग ऑफिस मौजूद होता है. वोट डलने के बाद गिनती शुरू की जाती है.
Credit: Getty Images
वोटों की गिनती अलग हॉल में वोट रिर्टनिंग ऑफिसर की निगरानी में होती है. इस कमरे में 14 टेबल मौजूद होते हैं, हर टेबल पर एक रिटर्निंग ऑफिस और ऑब्जर्वर होता है.
Credit: Getty Images
कमरे में टेबल बढ़वानी हो तो, इसकी इजाजत भी चुनाव आयोग से लेनी पड़ती है. वोटों की गिनती राउंड्स में होती है, हर राउंड में 14 ईवीएम मशीन के वोट गिने जाते हैं.
Credit: Getty Images
हर राउंड पर गिनती होने के बाद एजेंट से फॉर्म 17-C हस्ताक्षर करवाया जाता है और रिटर्निंग ऑफिस को जमा कर दी जाती है.
Credit: Getty Images
काउंटिंग हॉल में एक ब्लैकबोर्ड भी होता है, जिसमें हर राउंड के बाद हर प्रत्याशी को कितने वोट मिले, ये लिखा जाता है.
शहर के अलग-अलग विधानसभा सीटों की गिनती अलग-अलग हॉल में होती है. हर हॉल के अंदर एक ऑफिशियल कैमरा होता है.
Credit: Getty Images
गिनती के दौरान अगर ईवीएम मशीन खराब हो जाए या वीवीपैट पर्चियों में किसी गड़बड़ी के पाए जाने पर रिटर्निंग ऑफिस चुनाव आयोग को तुरंत इसकी सूचना देता है.
Credit: Getty Images
अगर मशीन ठीक हो जाती है तो वोट जारी रखे जाते हैं, ज्यादा गड़बड़ी होने पर चुनाव आयोग चुनावों को रद्द भी कर सकता है. इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर घोषणा कर देता है.
Credit: Getty Images
वोटो की गिनती के बाद उसे कंट्रोल यूनिट मेमोरी सिस्टम में सेव करके रखा जाता है. कंट्रोल यूनिट में यह डेटा तब तक रहता है जब तक इसे डिलीट न किया जाए.
Credit: Getty Images