वोटों की गिनती कैसे होती है, EVM मशीन में गड़बड़ी होने पर क्या होता है? जानिए

4 Dec 2023

चुनावों के बाद वोटों की गिनती से तय होता है कि किस किस पार्टी की जीत या हार हुई है और किसकी सरकार बनेगी.

ईवीएम यानी इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों द्वारा लोग अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट डालते हैं.

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क्या आप जानते हैं कि वोटों की गिनती किस तरह होती है और ईवीएम मशीन के इस्तेमाल के दौरान वोटर के अलावा कौन-कौन मौजूद होता है?

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आइए जानते हैं कि वोट डालने और गिनती करने का पूरा प्रोसेस किया है और अगर मशीन में कोई गड़बड़ी पाई जाए तो इंमरजेंसी में क्या फैसला लिया जाता है.

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वोटिंग शुरू होने से पहले ईवीएम मशीन की जांच होती है और साथ में रिटर्निंग ऑफिस मौजूद होता है. वोट डलने के बाद गिनती शुरू की जाती है.

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वोटों की गिनती अलग हॉल में वोट रिर्टनिंग ऑफिसर की निगरानी में होती है. इस कमरे में 14 टेबल मौजूद होते हैं, हर टेबल पर एक रिटर्निंग ऑफिस और ऑब्जर्वर होता है.

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कमरे में टेबल बढ़वानी हो तो, इसकी इजाजत भी चुनाव आयोग से लेनी पड़ती है. वोटों की गिनती राउंड्स में होती है, हर राउंड में 14 ईवीएम मशीन के वोट गिने जाते हैं.

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हर राउंड पर गिनती होने के बाद एजेंट से फॉर्म 17-C हस्ताक्षर करवाया जाता है और रिटर्निंग ऑफिस को जमा कर दी जाती है.

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काउंटिंग हॉल में एक ब्लैकबोर्ड भी होता है, जिसमें हर राउंड के बाद हर प्रत्याशी को कितने वोट मिले, ये लिखा जाता है.

शहर के अलग-अलग विधानसभा सीटों की गिनती अलग-अलग हॉल में होती है. हर हॉल के अंदर एक ऑफिशियल कैमरा होता है.

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गिनती के दौरान अगर ईवीएम मशीन खराब हो जाए या वीवीपैट पर्चियों में किसी गड़बड़ी के पाए जाने पर रिटर्निंग ऑफिस चुनाव आयोग को तुरंत इसकी सूचना देता है.

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अगर मशीन ठीक हो जाती है तो वोट जारी रखे जाते हैं, ज्यादा गड़बड़ी होने पर चुनाव आयोग चुनावों को रद्द भी कर सकता है. इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर घोषणा कर देता है.

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वोटो की गिनती के बाद उसे कंट्रोल यूनिट मेमोरी सिस्टम में सेव करके रखा जाता है. कंट्रोल यूनिट में यह डेटा तब तक रहता है जब तक इसे डिलीट न किया जाए.

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