13 August 2025
Aajtak.in
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पेरिस में स्थित एफिल टॉवर दुनिया का एक फेमस ऐतिहासिक और टूरिस्ट प्लेस है. इसकी ऊंचाई 300 मीटर है. जानते हैं आखिर इसके पीछे का क्या सच है.
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इस संरचना को मूल रूप से 300 मीटर का टावर कहा गया था, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. क्योंकि इसकी ऊंचाई बढ़ जाती है.
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द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ एफिल टॉवर अपने मूल डिजाइन से भी अधिक ऊंचा हो जाता है.
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इस टावर को बनाने में ऐसे उच्च स्तर के लोहे का इस्तेमाल हुआ है, जो हर तनाव को झेल सकती है. यही वजह है कि एक विशाल और बहुत हल्का टावर बनाना संभव हुआ.
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टावर कितना हल्का है कि इसका वजन 7,300 टन है जो इसके अंदर मौजूद हवा के वजन के करीब है - लगभग 6,300 टन.
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एफिल टॉवर मुख्य रूप से तापमान में परिवर्तन के कारण वर्टिकली बढ़ जाता है. विज्ञान के दृष्टिकोण से इस घटना को तापीय प्रसार कहते हैं.
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इसके अनुसार ज्यादातर ठोस पदार्थ तापमान बढ़ने पर फैलते हैं और तापमान गिरने पर सिकुड़ते हैं.
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ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तापमान बढ़ने से परमाणुओं में ज़्यादा हलचल होती है, जिससे उनके बीच की औसत दूरी बढ़ जाती है.
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एफिल टॉवर में इस्तेमाल किए गए लोहे और स्टील का एक मीटर छड़ एक डिग्री तापमान बढ़ने पर 0.000012 मीटर फैलती है.
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इस तरह 100 मीटर छड़ तापमान में वृद्धि होने पर 0.12 मीटर फैलती है और 300 मीटर की छड़ तीन गुना यानी 0.36 मीटर यानी यानी 36 सेमी फैलती है.
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विशेषज्ञों का अनुमान है कि एफिल टॉवर वास्तव में सर्दियों के ठंडे दिनों और गर्मियों के सबसे गर्म दिनों में अपने आकार की तुलना करने पर 12 से 15 सेंटीमीटर तक बढ़ जाता है.
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