भारत से बहुत अलग होते हैं पाकिस्तान के स्कूल, लड़कियों के लिए हैं ये नियम

21 Mar 2025

पड़ोसी देश पाकिस्तान में क्या चल रहा है यह जानने के लिए सभी उत्सुक रहते हैं.आज हम आपको बताएंगे पाकिस्तान के स्कूलों में पढ़ाई कैसे कराई जाती है.

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अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या पड़ोसी देश में co-ed पढ़ाई होती है या नहीं.

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आपको बता दें कि पाकिस्तान में लड़के और लड़कियों को एक साथ नहीं पढ़ाया जाता है.

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बड़ी कक्षा में आने के बाद लड़कियों की पढ़ाई अलग हो जाती है और लड़कों की पढ़ाई अलग हो जाती है. इसके अलावा लड़कियों के अलग और लड़कों के कई अलग स्कूल भी हैं.

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पाकिस्तान में पढ़ाई करवाने का तरीका बेहद अलग है. पाकिस्तान में 6 स्तर के आधार पर पढ़ाई करवाई जाती है, जिसमें प्री-स्कूल, प्राइमरी, मिडिल, हाई, इंटरमीडिएट और यूनिवर्सिटी स्कूलिंग शामिल है.

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वहीं, भारतीय शिक्षा प्रणाली को प्री-प्राथमिक (नर्सरी और केंद्रीय विद्यालय), प्राथमिक (कक्षा 1 से 5 तक), माध्यमिक (कक्षा 6 से 10 तक) और उच्च माध्यमिक (कक्षा 11 और 12), इसके बाद यूनिवर्सिटी में बांटा गया है.

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पाकिस्तान में पढ़ाई प्री स्कूल से शुरू हो जाती है. हालांकि, प्री स्कूल में बेहद छोटे बच्चे जाते हैं. 3 साल की उम्र से प्री स्कूल में दाखिला करवा सकते हैं.

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5 साल तक का होने में इसमें पढ़ाई होती है. इसके बाद बच्चा मिडिल एजुकेशन में आ जाता है. इसमें कक्षा एक में एडमिशन होता है.

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मिडिल स्कूल कक्षा पांच तक चलता है. इसमें उर्दू, इंग्लिश, गणित, आर्ट्स, साइंस, सोशल स्टडीज, इस्लामिक स्टडीज की पढ़ाई करवाई जाती है. वहीं पंजाबी, सिंधी, पश्तो की भी पढ़ाई करवाई जाती है.

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सेकेंडरी एजुकेशन में कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है. भारत की तरह ही पाकिस्तान में भी 12वीं के बाद कॉलेज में एडमिशन होता है. यहां यूनिवर्सिटी की पढ़ाई को टेरिटरी एजुकेशन कहा जाता है.

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Images.dawn.com के अनुसार, पाकिस्तान में लड़कियां के लिए पोशाकों के साथ दुपट्टा/स्कार्फ पहनना जरूरी है. इसके अलावा शॉर्ट स्लीव टी-र्शट आदि पहनने की इजाजत नहीं है.

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इसके अलावा लड़कियों को स्कूल में चूड़ी या हैवी ज्वैली पहनने की अनुमति नहीं है. पाकिस्तान की कई यूनिवर्सिटीज में नियम है कि अगर लड़कियां ड्रेस कोड का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें फाइन दोना होगा.

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