घर बैठे कमा लेंगे एक मिलियन डॉलर, बस सुलझानी होगी ये एक पहेली

03 March 2025

अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं और पुराने समय में बोली या लिखी जाने वाली लिपि में रुचि रखते हैं तो आपके पास एक मिलियन पाने का मौका है.

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने बड़ा एलान किया है. दरअसल, सिंधु घाटी की लिपि एक सदी से भी अधिक समय से एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है।.

उन्होंने इसे समझने वाले को 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार देने की घोषणा की है.

रविवार को एग्मोर के सरकारी संग्रहालय में आयोजित सिंधु घाटी सभ्यता की खोज की शताब्दी पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के दौरान सीएम एमके स्टालिन ने ये एलान किया.

दरअसल, तीन दिवसीय संगोष्ठी में दुनिया भर के प्रसिद्ध पुरातत्वविदों, इतिहासकारों और विद्वानों ने सभ्यता के महत्व और तमिलनाडु के साथ इसके संबंधों पर चर्चा की है.

इस कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान सीएम स्टालिन ने कहा कि सिंधु घाटी के मिट्टी के बर्तनों पर पाए गए लगभग 60 प्रतिशत प्रतीक तमिलनाडु में खुदाई के दौरान मिली कलाकृतियों पर पाए गए प्रतीकों के समान हैं.

श्री स्टालिन ने कहा, "हम अभी भी सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को स्पष्ट रूप से समझने में असमर्थ हैं, जो कभी समृद्ध थी."

यह भारत और पाकिस्तान में फैली हुई एक प्राचीन सभ्यता थी, जो सिंधु और उससे जुड़ी छोटी नदियों के किनारे-किनारे फली-फूली.

इसे दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक माना जाता है. इसका कुछ हिस्सा अफगानिस्तान में भी लगता था. हालांकि इस सिविलाइजेशन के वक्त को लेकर अब भी बहस है.  

कुछ इसे 2700 से 1900 ईसा पूर्व तक मानते हैं, वहीं कुछ इसे आठ हजार साल पुराना कहते हैं. खुदाई में मिली चीजों के शोध से भी वक्त का ये दायरा तय नहीं हो सका.

अज्ञात लिपियों को समझने में सबसे ज्यादा मदद ऐसे स्टोन्स से होती है जिनमें एक ही बात दो भाषाओं में लिखी हो.

एक को डीकोड करते ही दूसरे से तुलना की जा सकती है. माना जाता है कि सिंधु घाटी के दौर में मेसोपोटामिया के साथ व्यापारिक रिश्ते भी थे.

मेंसोपोटामिया को तो समझा जा सका लेकिन सिंधु लिपि अब भी अबूझ है.