21 Feb 2025
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खो-खो भारत का एक लोकप्रिय खेल है, आपने इसके बारे में तो बहुत सुना होगा, लेकिन क्या खो-खो का मतलब जानते हैं आप.
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खो-खो संस्कृत का शब्द है, जिसका मतलब है उठो और जाओ, इसके साथ ही इसका मतलब होता है आगे निकलने की कोशिश करना.
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खो-खो खेल का एक प्रकार महाराष्ट्र में रथों पर खेले जाने वाला खेल था. इसे रथेरा के नाम से जाना जाता था.सन 1940 में इसके संदर्भ में मॉडर्न रूल बनाए गए, इसके बाद से ये खो-खो के तौर पर खेला जाने लगा.
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आज के समय में भारत के साथ-साथ आस-पास के कई देशों में भी खो-खो खेला जाता है.
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खो-खो के खेल में दो टीमें होती हैं, जिनमें प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी शामिल होते हैं.
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खेल के मैदान में एक केन्द्रीय रेखा खींची जाती है और दोनों ओर खिलाड़ियों को बारी-बारी से बैठाया जाता है.
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खेल की मुख्य रणनीति होती है विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को 'खो' देना, जिससे वे उन्हें पकड़ ना सके. खेलने के दौरान, एक टीम के सदस्य दौड़ते हैं जबकि दूसरी टीम के खिलाड़ी उन्हें छूने का प्रयास करते हैं.
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