क्या आप भी कबीर के इस दोहे को गलत बोलते हैं?

03 Aug 2025

Photo: AI Generated

बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर. यह एक प्रसिद्ध दोहा है जो संत कबीर द्वारा लिखा गया है.

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इसका अर्थ है कि बड़ा होना या बड़ा दिखना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि असली महत्व इस बात का है कि आप दूसरों के लिए क्या कर सकते हैं और आपके गुणों का क्या लाभ है.

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खजूर के पेड़ की तरह बड़ा होने से कोई फायदा नहीं है अगर आप दूसरों को छाया या फल नहीं दे सकते हैं.

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आपको बता दें कि कई लोग बोलचाल की भाषा में कबीर के दोहे को गलत बोलते हैं. 

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यहां अक्सर लोग दो गलतियां कर देते हैं.  "पंछी" शब्द का प्रयोग - जबकि कबीर यहां "पंथी" यानी राहगीर / यात्री की बात कर रहे हैं.

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"बहुत दूर" — जबकि असली शब्द "अति दूर" है.  जिसका अर्थ है- "बड़ा हुआ तो क्या हुआ" का मतलब है- केवल ऊंचा या बड़ा होने से क्या लाभ.

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''फल लागे अति दूर" का मतलब फल इतने ऊंचे होते हैं कि कोई आसानी से उन्हें तोड़ नहीं सकता है.

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यदि आपका ज्ञान, पद, या धन काफी ज्यादा है लेकिन उसका लाभ दूसरों को नहीं मिल रहा तो उस ज्ञान, पद, या धन का कोई मतलब नहीं है.

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