11 April 2025
क्या पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को आरक्षण मिलता है? क्या वहां का आरक्षण सिस्टम भारत से मिलता-जुलता है? आइए जानते हैं.
भारत में आरक्षण मुख्य रूप से जाति-आधारित है, जो अनुसूचित जाति (SC) 15%, अनुसूचित जनजाति (ST) 7.5%, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) 27%, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) 10% के लिए लागू है, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है.
पाकिस्तान में आरक्षण क्षेत्रीय, लिंग, धार्मिक अल्पसंख्यक और दिव्यांगता पर आधारित है. वहां जाति को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी जाती.
पाकिस्तान का आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 27 पर आधारित है, जो सेवा में भेदभाव रोकने और संतुलन की बात करता है.
पाकिस्तान के आरक्षण मकसद क्षेत्रीय असंतुलन को कम करना और प्रांतों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व देना है.
मेरिट: 7.5%, पंजाब: 50%, सिंध (ग्रामीण): 11.4%, सिंध (शहरी): 7.6%, खैबर पख्तूनख्वा: 11.5%, बलूचिस्तान: 6%, गिलगित-बाल्टिस्तान/आज़ाद कश्मीर: 4%, महिलाएं: 10% (प्रांतीय कोटे के भीतर) और दिव्यांग: 2%.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों (गैर-मुस्लिमों) को 5% आरक्षण मिलता है. इसमें हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी आते आते हैं. यह धार्मिक आधार पर दिया जाता है, न कि जाति पर.
भारत में UPSC, SSC और राज्य लोक सेवा आयोग जैसी संस्थाएं इसे लागू करती हैं. प्रमोशन में भी आरक्षण लागू हो सकता है.
वहीं पाकिस्तान में संघीय लोक सेवा आयोग (FPSC) और प्रांतीय आयोग इसे लागू करते हैं. प्रमोशन में कोटा लागू नहीं होता.
Photo Credit: PIXABAY