ट्रेन में यात्रा के दौरान रेलवे प्लेटफार्म से लेकर चलती ट्रेन तक में यात्रियों से टिकट के बारे में पूछताछ करने के लिए रेलवे अपने कर्मचारियों को नियुक्त करता है, जिन्हें टीटीई या टीसी कहते हैं.
आमतौर पर लोग टीटीई और टीसी को एक ही समझ लेते हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है. हालांकि, दोनों ही रेलवे के कमर्शियल डिपार्टमेंट से आते हैं, लेकिन इन दोनों लोगों के काम अलग-अलग होते हैं. आइये जानते हैं फर्क.
टीटीई यानी ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर की नियुक्ति रेलवे के वाणिज्य विभाग के अंतर्गत की जाती है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इनका काम यात्रा के दौरान यात्रियों से टिकट के बारे में पूछताछ और जांच पड़ताल से संबंधित है. बता दें कि TTE को आमतौर पर लोग TT कहते हैं.
इनका काम ट्रेन में यात्रा कर रहे लोगों से उनके टिकट की जांच, पहचान पत्र से मिलान और बेटिकट यात्रियों से जुर्माना वसूलना भी होता है.
टीसी यानी टिकट कलेक्टर की भी नियुक्ति रेलवे के वाणिज्य विभाग के अंतर्गत की जाती है. दरअसल टीटी का काम भी टीटीई की तरह ही होता है.
फर्क इतना है कि टीटीई को ट्रेन के अंदर टिकट चेक करने का अधिकार होता है. वहीं टीसी यानी टिकट कलेक्टर को प्लेटफार्म पर टिकट चेक करने का अधिकार होता है.