खेल-खेल में एक्सपेरिमेंट करने वाले CV Raman ने दुनिया को बताया था ये रहस्य!

28 Feb 2025

भारत के गौरव साइंटिस्ट प्रोफेसर चंद्रशेखर वेंकट रमन (CV Raman) के सम्मान रूप में हर साल 28 फरवरी को भारतीय विज्ञान दिवस (Natinal Science Day) मनाया जाता है.

साइंस की दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक सीवी रमन ने 28 फरवरी 1928 को अपनी पहली खोज की थी, जिसके लिए उन्होंने 1930 में नोबेल पुरुस्कार मिला था.

7 नवंबर 1888 को मद्रास प्रेसिडेंसी के तिरुचिरापल्ली गांव में जन्मे सीवी रमन बचपन से ही साइंस की तरफ आकर्षित थे. वे अक्सर अपने छोटे भाई-बहनों के साथ खेलते हुए कुछ न कुछ साइंस एक्सपेरिमेंट करते रहते थे.

उन्होंने महज 18 साल की उम्र में अपना रिसर्च पेपर लिखा था, जो उस जमाने में टॉप मैग्जीन में भी छपा था. रिसर्च पेपर पढ़कर ब्रिटेन के महान फिजिक्स साइंटिस्ट बैरन रेले ने तारीफ करते हुए चिट्ठी भेजी थी.

सीवी रमन की ही खोज का नतीजा है जिससे दुनिया को पता चला कि समुद्र का रंग नीला क्यों होता है, इससे पहले यही माना जा रहा था कि आसमान का रंग नीला होने की वजह से समुद्र का रंग नीला दिखता है.

लेकिन सीवी रमन ने लगातार सात साल की रिसर्च के बाद 28 फरवरी 1928 को इसके पीछे साइंस खोज निकाला था, जिसे Raman Effect खोज नाम दिया गया है.

उनकी खोज से पता चला कि प्रकाश की किरणें अलग-अलग चीजों से टकराती हैं या उनमें से होकर गुजरती है, तो तरंगों के बिखरने के बाद उन पर व उनकी गति पर क्या असर होता है.

All Photos Credit: Raman Research Institute