14 July 2025
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भारत में घर में चूहों को मारना अपराध है या नहीं? क्या चूहे को मारने पर जेल जाना पड़ सकता है?
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अगर आपके घर में चूहे हैं तो वो आपका काफी नुकसान कर सकते हैं. डर रहता है कि वे कपड़ों और महत्वपूर्ण कागजातों को नुकसान नहीं पहुंचा दे.
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ऐसे में कई लोग चूहों से निजात पाने के लिए कई तरह की तरकीब अपनाते हैं. इसमें रैट किल जैसे चूहे मारने वाली दवा से लेकर ट्रैप तक का इस्तेमाल किया जाता है.
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अब कानून की बात करें तो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में हाल ही में हुए संशोधनों ने सामान्य कौवों, चमगादड़ों और चूहों को अनुसूची II के तहत एक संरक्षित श्रेणी में रखा है.
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पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और भारतीय दंड संहिता के तहत इस संरक्षित सूची में शामिल जीवों को मारने पर कारावास और जुर्माना हो सकता है.
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ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौतम सिंह बताते हैं कि चूहा मारना अपराध है या नहीं यह उन्मूलन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि और पशु कल्याण कानूनों की व्याख्या पर निर्भर करता है.
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चूहे स्वास्थ्य और संपत्ति के लिए खतरा पैदा करते हैं. ऐसे में इन्हें घर में पनपने नहीं दिया जा सकता है. इसका मतलब ये भी नहीं है कि इनके उन्मूलन के लिए क्रूर तरीका अपनाया जाए.
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चूहे से निजात पाने का सबसे बढ़िया तरीका है कि उन्हें ट्रैप में फंसाकर आबादी से दूर छोड़ आना चाहिए.
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घर से चूहों को हटाने के लिए कोई भी पशु क्रूरता वाले उपाय नहीं करना चाहिए. चूहे के जाल, ट्रैप जैसे तरकीब के इस्तेमाल का पेटा जैसी संस्था भी वकालत करती है.
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हालांकि, चूहे मारने के तरीके को लेकर कानूनी कार्रवाई हो सकती है. दिल्ली जैसे कुछ राज्यों ने तो गोंद के जाल जैसे विशेष रूप से क्रूर तरीकों पर प्रतिबंध भी लगा दिया है.
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वैसे पारंपरिक रैट ट्रैप, चूहे मारने की दवा या किसी पेशेवर कीट नियंत्रण सेवा को बुलाना, चूहों को खत्म करने के लिए आम तौर पर स्वीकार की जाती है.
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