23 July 2024
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज, 23 जुलाई 2024 को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही हैं. आइये जानते हैं, बजट के बारे में 10 बड़ी बातें.
बजट किसी वित्तीय वर्ष में होने वाली आमदनी और खर्चों से जुड़ा दस्तावेज है. वित्तीय वर्ष हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को समाप्त होता है.
वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले सरकार को संसद में केंद्रीय या अंतरिम बजट पेश करना जरूरी होता है. अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश किया जाता है. इसी साल 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया था.
देश का पहला बजट 163 साल पहले अंग्रेजी शासन के दौरान पेश किया गया था. इस बजट को 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था.
आजाद भारत का पहला बजट 16 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. इसे देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. हालांकि, यह एक तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा रिपोर्ट थी.
1950 में बजट पेश होने से पहले ही लीक हो गया था. उसके बाद छपाई का काम राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड स्थित प्रेस में शिफ्ट कर दिया गया था. 1980 से बजट की छपाई फिर नॉर्थ ब्लॉक स्थित सरकारी प्रेस से की जाने लगी.
पहले बजट इंग्लिश में छपता था, 1955 से कांग्रेस ने हिंदी और इंग्लिश दोनों में बजट की छपाई शुरू की.
देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने 1958-1959 का बजट बतौर प्रधानमंत्री पहली बार पेश किया. पंडित नेहरू के अलावा इंदिरा गांधी ने 1970-71 का बजट बतौर पीएम पेश किया. फिर उनके बेटे राजीव ने भी 1987-88 का बजट बतौर पीएम पेश किया.
इंदिरा गांधी देश का केंद्रीय बजट पेश करने वालीं पहली महिला भी थीं. सबसे अधिक बार देश का बजट पेश करने का श्रेय पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई को जाता है.
1973-74 के बजट को देश का 'ब्लैक बजट' कहा जाता है. यह बजट 550 करोड़ रुपये के घाटे का था.
मनमोहन सिंह ने पीवी नरसिंह राव की सरकार में वित्त मंत्री रहने के दौरान 1991-92 का बजट पेश किया था. इस बजट को भारत के बदलाव के लिहाज से सबसे अहम बजट माना जाता है.