18 Jan 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब यूएस गए थे तो उन्हें ब्लेयर हाउस में ठहराया गया था. यह वह ठिकाना है जहां यूएस राष्ट्रपति के मेहमानों को ठहराया जाता है.
व्हाइट हाउस के बाद ब्लेयर हाउस को सबसे आलीशान माना जाता है. ये वो हाउस है जो करीब दो सदियों से अमेरिका की राजनीति, कूटनीति और सांस्कृतिक इतिहास का गवाह रहा है.
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यहां ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से लेकर जापान के सम्राट आकाहितो भी ठहर चुके हैं.
इस बेहतरीन गेस्ट हाउस का निर्माण साल 1824 में अमेरिकी सेना के आंठवें सर्जन जनरल जोसेफ लोवेल ने अपने निजी घर के तौर पर किया था.
बाद में 1836 में अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन के सलाहकार फ्रैंसिस ब्लेयर ने इसे खरीद लिया. तब से ही इसका नाम ब्लेयर हाउस पड़ गया.
1942 में अमेरिकी सरकार ने इसे खरीद लिया. इसके बाद से ही यह जगह अमेरिकी सरकार की विदेश नीति का बेहद खास हिस्सा बन गई.
चार मंजिला ब्लेयर हाउस में 119 कमरे मौजूद हैं. बिल्डिंग एरिया के मामले में ये व्हाइट हाउस से भी बड़ा है. इसमें 14 गेस्ट बेडरूम हैं जिनमें हर तरह की सुविधा मौजूद है.
ब्लेयर हाउस में 35 बाथरूम, किचन, लॉन्ड्री, एक्सरसाइज के लिए एक कमरा और एक हेयर सैलॉन भी है.
ब्लेयर हाउस की देखरेख इसकी साज-सज्जा, सजावट, ललित कला की देखरेख सरकारी फंडिंग से की जाती है.
इसके अंदर कई सारी खूबसूरत पेंटिंग, झूमर और सजावट का सामान है. व्लेयर हाउस में भी अलग से स्पेशल शेफ रखे जाते हैं.
इसके अलावा ब्लेयर हाउस में भी सुरक्षा और सेक्योरिटी के भी पुख्ता इंतजाम होते हैं.
जब भी किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ब्लेयर हाउस में ठहरते हैं तो उस देश का झंडा वहां फहराया जाता है.