31 Mar 2025
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बेंगलुरु के एक एंप्लॉयी का एक्स पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें उसने बताया है कि जब कंपनी ने उनका इंक्रीमेंट 7.5 प्रतिशत बढ़ाया तो उसके मकान मालिक ने 10 प्रतिशत किराया बढ़ा दिया.
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कम इंक्रीमेंट होने पर एंप्लॉयी ने बताया कि मालिक की तरफ से हर बार किराया बढ़ाया जाता है, अगर ऐसा ही रहा तो उसकी सैलरी से ज्यादा उनका रेंट हो जाएगा.
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कंपनी में बढ़ती असमानता पर चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने टिप्पणी की कि यदि उनके मालिक द्वारा किराया बढ़ाना जारी रहा तो एक दिन उनका किराया उनके वेतन से अधिक हो जाएगा.
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मकान मालिक को लेकर यह पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है. उनके पोस्ट पर एक यूजर ने काफी चिंता जाहिर किया है.
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विवेक खत्री नाम के एक एक्स यूजर ने इस स्थिति को शहरी घोटाला बताया और कहा, "वेतन वृद्धि धीमी है जबकि किराया तेजी से बढ़ रहा है.
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7.5 प्रतिशत की वृद्धि तब तक अच्छी लगती है जब तक बिजली बिल 12 प्रतिशत, किराया 10 प्रतिशत और दूध 15 प्रतिशत नहीं बढ़ जाता.
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इस चर्चा में कई अन्य लोग भी शामिल हुए, जिनमें से कुछ ने व्यंग्यात्मक रूप से सुझाव दिया कि अब कंपनी और मकान मालिक दोनों को बदलने का समय आ गया है.
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एक अन्य यूजर ने कहा, "बेंगलुरु में ऑनसाइट नौकरी पाना कम लाभदायक होता जा रहा है. तीसरे ने मज़ाक में कहा, "मकान मालिक कैसे बनें, इस पर एक अलग सिलेबस होना चाहिए.
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कुछ यूजर ने तर्क दिया कि मौजूदा आर्थिक माहौल में 10 प्रतिशत से कम वेतन वृद्धि अनुचित है. एक यूजर ने कहा, "अधिकारी मुद्रास्फीति के आंकड़ों को दबाते हैं, और कंपनियां इसका उपयोग न्यूनतम वृद्धि को सही ठहराने के लिए करती हैं.
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इस बीच, किराया, किराने का सामान और अन्य बुनियादी वस्तुओं में सालाना 10 प्रतिशत की वृद्धि होती है - यह एक आम बात बन गई है. मेट्रो शहर के जीवन की वास्तविकताओं का सामना करने का समय आ गया है.
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