दिल्ली का वो 'भुतहा' किला, जहां औरंगजेब ने 20 साल तक कैद रखी थी अपनी बेटी

31 May 2024

औरंगजेब ने अपनी बेटी और पिता को दिल्ली के सलीमगढ़ किले में कैद करके रखा और उनपर कई जुल्म किए थे.

कुछ इतिहासकार कहते हैं औरंगजेब की बेटी यहां 20 सालों तक कैद रही और अंत में उन्हें भूखा-प्यासा रखा फिर 22 दिनों में उनकी मौत हो गई.

Credit: Wikimedia Commons

दिल्ली के इतिहास पर खूब काम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार विवेक शुक्ला के मुताबिक, उस पर जुल्म की इंतिहा हुई, अंत में शहजादी को भूखा-प्यासा रखा गया और फिर कुछ दिनों में उनकी मौत हो गई.

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इतिहास और भारतीय संस्कृति के बारे में बताने वाली सरकारी वेबसाइट indianculture.gov.in के अनुसार, सलीमगढ़ किले की शानदार संरचना त्रिभुजाकार है और उसकी दीवारें बड़े खुरदरे पत्थर की ईंट से बनी हैं. इसके पास बना पुल सलीमगढ़ किले को लाल किले से जोड़ता है.

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सलीमगढ़ किले को शेर शाह सूरी के बेटे सलीम शाह सूरी ने आक्रमण से बचने के लिए 1546 में बनवाया था.

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ऐसा माना जाता है कि सम्राट अकबर ने सलीमगढ़ किले को जागीर के रूप में शेख फ़रीद बुखारी (एक मुगल सरदार) को सौंप दिया.

कई मुगल शासक, खासकर सम्राट शाहजहां इस किले में रहते थे. जब शाहजहां ने मुगल राजधानी को आगरा से दिल्ली बनाया, तब सलीमगढ़ के किले ने एक बार फिर प्रमुख स्थान प्राप्त किया.

इसके बाद औरंगज़ेब के शासन काल में सलीमगढ़ किले को कारागार बना दिया गया. सलीमगढ़ किले में कई नामी लोगों को कैद किया गया था.

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औरंगज़ेब ने बेटी ज़ेबुन्निसा के अलावा अपने सबसे छोटे भाई मुराद बख्श और बड़े भाई दारा शिकोह को भी सलीमगढ़ किले में बंदी बना लिया था.

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सलीमगढ़ के बाद मुराद बख्श को ग्वालियर के किले में ले जाया गया था, जहां बाद में उन्हें मृत्युदंड दिया गया. 

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मुगल सम्राट जहांदार शाह को भी साल 1712-1713 के बीच कुछ समय के लिए इस किले में बंदी बनाया गया था.

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यह भी माना जाता है कि गुलाम कादिर (अफ़ग़ानी रोहिला सरदार) द्वारा शाह आलम की आंखें फोड़कर, उन्हें मराठा शासक महादजी सिंधिया द्वारा छुड़ाए जाने तक सलीमगढ़ के कारागार में रखा गया था.

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दिल्ली के इतिहास पर खूब काम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार विवेक शुक्ला ने बताया कि इस किले के साथ फांसी और सजा-ए-मौत वाले बहुत से ऐतिहासिक किस्से जुड़े हुए हैं और धीरे-धीरे इन्हीं किस्सों के आधार पर सुनसान होने से यह किला भुतहा किला से बदनाम हो गया.

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नोट: यह जानकारी इतिहास और भारतीय संस्कृति के बारे में बताने वाली सरकारी वेबसाइट indianculture.gov.in से ली गई है.

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