04 Aug 2025
AI रिसर्चर बनना आज के दौर में एक बहुत आकर्षक और चुनौतीपूर्ण करियर ऑप्शन है, खासकर तब जब दुनिया की बड़ी टेक कंपनियां इन्हें 1000 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा के पैकेज ऑफर कर रही हैं.
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मार्क ज़करबर्ग की कंपनी मेटा इन दिनों एआई एक्सपर्ट्स को करोड़ों रुपये के पैकेज देकर अपनी टीम में शामिल कर रही है.
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लेकिन ऐसे एक्सपर्ट्स कैसे बनते हैं? आइए आपको बताते हैं.
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AI रिसर्चर बनने के लिए मैथ्स, कंप्यूटर साइंस, स्टैटिस्टिक्स और लॉजिक में गहरी समझ होना जरूरी है.
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अधिकतर AI रिसर्चर ने B.Tech/B.E. (Computer Science) या Mathematics में ग्रेजुएशन की डिग्री ली हुई होती है.
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उसके बाद वो M.Tech, MS या फिर PhD करते हैं, खासकर Machine Learning, Deep Learning, Robotics, या Neuroscience जैसे क्षेत्रों की इन्हें अच्छी समझ होती है.
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यह रिसचर्स टॉप AI कॉन्फ्रेंस (जैसे NeurIPS, ICML, CVPR) में अपने पेपर्स भी पब्लिश करते हैं.
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AI रिसर्चर्स कई बार GitHub जैसे प्लेटफॉर्म पर ओपन-सोर्स टूल्स बनाकर अपना टैलेंट दिखाते हैं.
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इनके पास Python, PyTorch, TensorFlow, Kaggle जैसे सॉफ्टवेयर में प्रैक्टिस की हुई होती है और कंप्यूटर की पूरी नॉलेज होती है.
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Google DeepMind, OpenAI, Meta AI जैसे संस्थानों में इंटर्नशिप या फेलोशिप का अनुभव उन्हें हाई-लेवल जॉब के लिए तैयार करता है.
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इसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी अच्छी खासी समझ होती है. इसके लिए तरह-तरह के कोर्स भी किए जाते हैं.
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