02 May 2025
कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह का पता लगाया था जहां सबसे ज्यादा सोना होने का अनुमान है. मंगल और बृहस्पति के बीच सूर्य की परिक्रमा कर रहे इस ग्रह का नाम 16 साइकी (16 Psyche) है.
इस लघुग्रह को 17 मार्च 1852 को इतालवी खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस ने खोजा था. जो पृथ्वी की तुलना में सूर्य से लगभग तीन गुना दूर है. इस पर सोना होने की जानकारी कुछ साल पहले ही पता चली.
16 साइकी का नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं से प्रेरित है. 1852 में गैस्पारिस ने इसका नाम ग्रीक देवी साइकी (Psyche) के नाम पर रखा, जो प्रेम और आत्मा की देवी मानी जाती हैं.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मंगल और बृहस्पति के बीच एस्टेरॉयड बेल्ट में मौजूद 16 साइकी (16 Psyche) को सबसे ज्यादा सोना और अन्य धातुओं से भरपूर है.
नासा के अनुसार, यह एस्टेरॉयड मुख्य रूप से धातु से बना है, जिसमें सोना, लोहा और निकल (चांदी जैसा धातु) शामिल हैं. इसका अनुमानित मूल्य 700 क्विंटिलियन डॉलर (लगभग 5,800 खरब रुपये) है.
इसका मतलब है कि इसमें इतना सोना और धातु हो सकती है कि अगर इसे पृथ्वी के 7.6 अरब लोगों में बांटा जाए, तो हर व्यक्ति को करीब 92 अरब डॉलर (लगभग 77 खरब रुपये) मिल सकते हैं.
16 साइकी को एक प्रोटोप्लैनेट का अवशेष माना जाता है, जिसका बाहरी हिस्सा सौरमंडल के शुरुआती दिनों में टक्करों से नष्ट हो गया. यह करीब 140 मील चौड़ा है.
नासा ने 2023 में साइकी मिशन लॉन्च किया, जो 2029 तक वहां पहुंचेगा. इसका मकसद खनन नहीं, बल्कि सौरमंडल के गठन को समझना है.
चंद्रमा पर भी सोने के निशान मिले हैं. 2009 में नासा के एक मिशन ने चंद्रमा पर सोना, चांदी और पारा जैसे तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि की थी.
इसकी मात्रा साइकी की तुलना में न के बराबर मानी जाती है. वहीं बृहस्पति जैसे गैसीय ग्रहों पर भी सोना होने की संभावना जताई जाती है.
All Photos Credit: science.nasa.gov