10 July 2024
Credit: US Navy
जब दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था. जर्मनी ने उस समय लंबी दूरी की गाइडेड बैलिस्टिक मिसाइल बना ली थी. जिसका नाम था V-2.
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जर्मन सेना इसे वेनेजेंस वेपन (Vengeance Weapon) यानी बदला लेने का हथियार कहती थी.
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जर्मनी अमेरिका और रूस की तुलना में साइंस-टेक्नोलॉजी में बहुत आगे था. जर्मनी इस मिसाइल का इस्तेमाल एलाइड सेना के ठिकानों पर कर रहा था.
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जर्मनी जैसे ही द्वितीय विश्व युद्ध हारा, इसे अमेरिका और रूस चुरा ले गए और इसके आधार पर दोनों देशों ने अपनी मिसाइल और रॉकेट बनाना शुरू किया.
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यह वही रॉकेट है, जिसकी तकनीक के सहारे अमेरिका और रूस ने अपनी मिसाइलें और रॉकेट्स का फ्यूचर बदला.
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फिर उसे अमेरिकी युद्धपोत मिडवे से 6 सितंबर 1947 में लॉन्च किया. ये करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर जाकर दिशा भटक गई और विस्फोट हो गया.
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सही टारगेट तक न पहुंचने के बावजूद अमेरिका ने इस टेस्ट को सफल माना, क्योंकि मिसाइल ने बेसिक लक्ष्य हासिल कर लिया था.
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