12 May 2025
Credit: Symbolic Pic Getty
'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत की सैन्य रणनीति, तकनीकी कौशल और अत्याधुनिक हथियार प्रणाली का ऐसा प्रदर्शन किया कि पड़ोसी देश पाकिस्तान की नींदें उड़ गईं.
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ब्रह्मोस-2 और HGV के आने से भारत की सैन्य शक्ति और कई गुना बढ़ जाएगी, जिसे देख चीन-पाकिस्तान दंग रह जाएंगे. इस कड़ी में सबसे पहला नाम हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV)का है.
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HGV हाइपरसोनिक गति यानी ध्वनि की गति से भी 5 गुना तेज उड़ान भरती है. यह रडार से बचकर अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदने में माहिर है. इसकी रेंज पूरे पाकिस्तान और चीन के बड़े हिस्से में तबाही मचा सकता है.
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दूसरा है ब्रह्मोस-2, जो भारत और रूस के संयुक्त रुप से विकसित एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. यह मिसाइल अपनी गति, रेंज और स्टील्थ क्षमताओं के कारण दुनिया की सबसे तेज और घातक क्रूज मिसाइल हो सकता है.
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तीसरे नंबर है डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स (DEW) एक ऐसी उन्नत तकनीक पर आधारित हथियार हैं, जो लेजर, माइक्रोवेव, या पार्टिकल बीम जैसे विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का इस्तेमाल कर लक्ष्य को तबाह करन में सक्षम है.
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भारतीय नौसेना ने ड्रोन तकनीक को अपने नौसैनिक जहाजों में निगरानी रखने के लिए उपयोग करती है. ये ड्रोन टोही और सटीक हमलों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. ड्रोन 36-45 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं.
जोरावर, भारत का स्वदेशी हल्का टैंक है. यह टैंक खास तौर पर पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात करने के लिए बनाया गया है. यह 105 mm की तोप, मशीन गन और एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस है.
भारतीय मल्टी रोल हेलिकॉप्टर भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की कई जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है. इसमें 24-30 सैनिकों को एक साथ सवार करने की क्षमता है.